बिलासपुर। जिले के प्रभारी, ग्रामीण विकास एवं स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने आज ग्रामीणों की उपस्थिति के बीच अधिकारियों के साथ सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। श्री चंद्राकर ने लोगों से अपील की कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से मिले इसके लिए अपनी भूमिका का महत्व समझें। लोक सुराज अभियान के तहत आज बिल्हा विकासखंड के ग्राम पौसरी में जिला स्तरीय जन-समस्या निवारण शिविर आयोजित किया गया था। इसमें श्री चंद्राकर विशेष रूप से उपस्थित थे। अध्यक्षता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने की। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एम के राऊत, स्वच्छ भारत मिशन की डायरेक्टर डॉ. एम.गीता, संभागायुक्त निहारिका बारिक सिंह सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मंत्री ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को मंच पर बुलाया और उन्हें कहा कि वे ग्रामीणों को अपने विभाग की योजनाओं और उसके क्रियान्वयन के बारे में जानकारी दें। इस दौरान राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, अनुसूचित जाति जनजाति विकास, श्रम, कौशल विकास, ग्रामीण विकास आदि विभागों के अधिकारियों ने मंच पर आकर अपने विभाग में चल रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों की जानकारी दी। श्री चंद्राकर ने कई योजनाओं के बारे में अधिकारियों से जवाब मांगा और उसे ग्रामीणों को बताने के लिए कहा।
जिला शिक्षा अधिकारी को उन्होंने आगाह किया कि पढ़ाई की ऐसी व्यवस्था रखें कि अगले वर्ष दसवीं बोर्ड का रिजल्ट 75 प्रतिशत से कम न आएं वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री कौशिक ने कहा कि ग्राम पंचायत के सचिव से लेकर राजधानी से मंत्री और शीर्ष अधिकारी यहां उपस्थित हैं। शासन का लक्ष्य है कि शासन की योजनाओं का भली-भांति क्रियान्वयन हो और लोगों की समस्याओं का निराकरण हो। उन्होंने उज्ज्वला योजना के बारे में बताया तथा गांवों को खुले शौच से मुक्त करने की अपील की। उन्होंने बताया कि अरपा-भैंसाझार परियोजना से दो साल के भीतर आपके खेतों में पानी पहुंचने लगेगा।
मनरेगा की समीक्षा की प्रभारी सचिव ने-
शिविर में प्रभारी सचिव एम के राऊत ने मनरेगा व ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। मनरेगा के चालू कार्य, मजदूरी के भुगतान की अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ की जानकारी ली और जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपने गांव को इस मामले में मॉडल बनाएं। डबरी निर्माण का महत्व बताते हुए ग्रामीणों को इस बारे में जागरूक करने कहा।