सीजी वाल —चूना पत्थरों और सोने के प्राकृतिक भण्डारों की नीलामी से छत्तीसगढ़ को रायल्टी के अलावा पांच हजार करोड़ रूपए की अतिरिक्त आमदनी होगी। यह जानकारी छत्तीसगढ़ के वाणिज्य और उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने राजस्थान के जयपुर में आयोजित विभिन्न राज्यों के खनिज संसाधन मंत्रियों की बैठक में दी। अग्रवाल ने बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की तरफ से छत्तीसगढ़ की विभिन्न खनन गतिविधियों और प्रस्तावित योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किया। केन्द्रीय मंत्री तोमर ने दीप प्रज्जवलित कर बैठक का शुभारंभ किया। नरेन्द्र सिंह तोमर ने केन्द्र शासन की मंशा अनुरूप खनिज अधिनियम में लाए गए नवीन प्रावधानों पर छत्तीसगढ़ राज्य के सफल प्रयासों की जमकर तारीफ की।
देश के खनिज संसाधन मंत्रियों की बैठक में अमर अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने केन्द्र सरकार की नवीन खनिज नीति के अनुरूप काम शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ में चूनापत्थर और सोने के खनिज ब्लॉकों की नीलामी देश में सबसे पहले सफलतापूर्वक की है । ब्लॉकों की नीलामी से राज्य को रायल्टी के अतिरिक्त लगभग 5000 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त होगी।
मंत्री अमर अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के प्रत्येक जिले में ’’जिला खनिज संस्थान न्यास’’ का गठन किया है। अभी तक लगभग 350 करोड़ की राशि विभिन्न संस्थानों से प्राप्त किया गया है। प्रधानमंत्री खनिज कल्याण योजना अनुसार जिला स्तर पर विकास की कार्य योजना भी तैयार हो गयी है।
बैठक को संबोधित करते हुए अमर अग्रवाल ने बताया कि खनिजों के अन्वेषण के लिए एन.एम.ई.टी फण्ड में छत्तीसगढ़ ने उड़ीसा राज्य के बाद देश में सर्वाधिक 45 करोड़ राशि़ प्राप्त कर केन्द्रीय मद में जमा कर दिया है। राज्य के दो चूनापत्थर और 2 बाक्साइट क्षेत्रों में केन्द्र सरकार ने एन.एम.ई.टी. फण्ड से अन्वेषण कार्य को हरी झण्डी दिखा दिया है।अमर अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने केन्द्र शासन के निर्देशानुसार गौण खनिज खदानों के आबंटन में भी पारदर्शिता और सुगमता लाने के उदेश्य से ई-नीलामी का प्रावधान किया है।
केन्द्रीय खान मंत्री नरेन्द्र तोमर ने बैठक में बताया कि खनन अधिनियमों में केन्द्र सरकार ने विभिन्न नवीन प्रावधानों के तहत खानों का पारदर्शी तरीके से आबंटन में ई-नीलामी व्यवस्था को प्राथमिकता दी गयी है। खनन प्रभावित क्षेत्रों के उन्नयन के लिए जिला खनिज फांउडेशन का गठन किया गया है। बैठक में नवीन खनिज संसाधनों के अन्वेषण में वित्तीय व्यवस्था को लेकर नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की समीक्षा की गयी। इस दौरान खानों का 50 साल के लिए अवधि विस्तार और क्रियान्वयन समेत कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया।