कोयले का अ”धर्म कांटा”…

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160616-WA0217 बिलासपुर-IMG-20160616-WA0214— या तो पुलिस की कार्रवाई कुंद हो गयी है… या फिर पुलिस का डर ही खत्म हो गया है। खनिज विभाग से चना मुर्रा की तरह लायसेंस हासिल कर कोयला दुकानदार अपनी मनमर्जी से बाज नहीं आ रहे हैं। कोयला में अफरा तफरी का खेल बदस्तूर जारी है…। कुछ महीने पहले आईजी की कार्रवाई से कोयला दुकानदारों के हौसले पस्त हो गए थे। दुकानदारों ने अफरा-तफरी का काम रात्रि में करना शुरू कर दिया था। लेकिन अब एक बार फिर कोयले का अवैध कारोबार दिन के 12 बजे होने लगा है। कोयला कारोबारियों ने तो अब गाली गलौच और धमकी देना भी शुरू कर दिया है। कोयला दुकानदारों की माने तो लायसेंस कमाने के लिए है…गंवाने के लिए नहीं..फायदा के लिए हथकंडा तो आजमाना ही होता है। जिसको जो करना है कर लो…

                                     खरकेना क्षेत्र के पचास से अधिक कोयला दुकान देखने के बाद मालूम होने लगा है कि पुलिस का खौफ कोयला कारोबारियों के सिर से उतर गया है। रात्रि में होने वाला मिलावट का खेल अब दिन में चालू हो गया है। खरकेना स्थित महेश्वरी कोल प्लाट में मिलावट का काम सरेआम हो रहा है।  प्लाट से रोज ओव्हरलोड ट्रक आधा पत्थर और आधा कोयला लेकर डेस्टिनेशन की ओर रवाना हो रहा है। मजेदार बात है कि खरखेना क्षेत्र में पचास से अधिक स्थानों पर लायसेंस धारी कारोबारी कोयला अफरा तफरी का अवैध कारोबार कर रहे हैं। बावजूद इसके कई जगह तक पुलिस अभी तक पहुंची भी नहीं है। कुछ ऐसे भी स्थान हैं..जिन्होने कार्रवाई के दूसरे दिन ही अफरा-तफरी का काम शुरू कर दिया। वे अब भी वहीं काम कर रहे हैं..जिस जुर्म में कोयला प्लाट को बंद किया गया था। इसका क्या कारण हो सकता है…रहस्य बरकरार है।

                       IMG-20160616-WA0215      महेश्वरी कोल प्लाट से लिंकेज का कोयला…पत्थर के साथ महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जाता है। कुछ महीने पहले पुलिस ने महेश्वरी प्लाट के बगल में तीन जगहों पर छापा मारा था। लेकिन महेश्वरी तक छापे की आंच तक नहीं पहुंची। भिलाई से महेश्वरी ने बताया कि हम लोग कोयला में किसी प्रकार की मिलावट नहीं करते हैं। पिट पास को लेकर शिकायत नहीं है। मैं व्यापार के सिलसिले में हमेशा भिलाई में रहता हूं…प्लाट में क्या कुछ हो रहा है…जानकारी मिलती रहती है। ओव्हरलोड परिवहन भी हम नहीं करते हैं।

                                                                महेश्वरी के दावे से अलग सच्चाई प्लाट पहुंचने पर सारी सच्चाई खोखली नजर आयी। हमारे संवादाता ने पाया कि अच्छे कोयले के साथ पत्थर कोयला ट्रक में भरा जा रहा है। स्थानीय कर्मचारी ने बताया कि कोयले से भरा ओव्हर लोड ट्रक रात्रि को रवाना होगा…रात में चलने से आरटीओं का खतरा नहीं रहता है। अब तो पुलिस भी परेशान नहीं करती है।

                   सीजी वाल ने इसके पहले कोयला तो काला है में लिखा था कि खदान से निकला कोयला डेस्टिनेशन तक पहुंचते पहुंचते आधा पत्थर हो जाता है। पत्थर बनाने का खेल बिलासपुर जिले में रतनपुर से बैतलपुर के बीच लायसेंसधारी कोयला दुकानदार करते हैं। खनिज विभाग इस खेल को अच्छी तरह से जानता है। लेकिन करता कुछ नहीं…। इस गणित को आईजी पवन देव ने हल किया। आईजी की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद कोयला माफियों के हौंसले पस्त हो गए। लेकिन इन दिनों कोयला दुकानदारों के हौंसले फिर से बुंलदी ओर हैं। कारण क्या हो सकता है…लोग समझने की कोशिश कर रहे हैं।

बहरहाल लोगों को उम्मीद है कि नए पुलिस कप्तान के आने से आईजी के अभियान को गति मिलेगा। दुकानदारों को अवैध दुकानदारी को समेटना ही होगा। वहीं कुछ लोगों को उम्मीद है कि इस बार की कार्रवाई में महेश्वरी जैसे पचासों कोल प्लाट और अ धर्मकांटाा पर कार्रवाई होगी..जो किसी कारणवश बच गए थे। और आज व्यवस्था को गाली गलौच और लोगों को रसूख की धमकी देते हैं।

जारी है….

 

 

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