बलात्कार के बाद हिड़में का फर्जी एनकाउंटर-सोनी सोढ़ी

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160620-WA0010बिलासपुर—छत्तीसगढ़ में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। बस्तर क्षेत्र में नक्सली बताकर निर्दोषों को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस जवानों के कहर से बस्तर संभाग कराह रहा है। बोम्पार्ट गांव में मड़कम हिडमें एनकाउंटर फर्जी है। पुलिस ने मड़कम के साथ बलात्कार किया उसके बाद उसके को क्षत विक्षत भी किया। यह बातें बस्तर संभाग के आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोढ़ी ने कही । सोनी सोढ़ी आप नेता संकेत ठाकुर और मड़कम हिड़में की मां के साथ हिड़में की फर्जी एनकाउंटर मामले में सुनवाई में बिलासपुर पहुंची थी।

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                         सोनी सोढ़ी ने बताया कि सुकमा जिला के बोम्बार्ट गांव में आदिवासी महिला मडकम हिड़में का पुलिस ने बलात्कार किया है। आरोप को छिपाने के लिए हिडमें को नक्सली बताकर फर्जी एनकाउंटर किया गया। चूंकी मुझे भी इसी तरह से निशाना साधा गया था। इसलिए हमने आज मामले में जांच के लिए हाईकोर्ट से अपीत की है।

                              आप नेता संकेत ठाकुर ने बताया कि हाईकोर्ट में फर्जी एनकांउटर के खिलाफ 17 जून को हाईकोर्ट में जनहित याचिका किया था। जनहित याचिका पर आज पहली सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान मड़कम हिडमें की मां लक्ष्मी लक्ष्मी हिड़में और पति कोसा हिड़में भी साथ थे। मड़कम हिड़में का पति भी कोर्ट में उपस्थित था। संकेत ठाकुर ने बताया कि मुख्यन्यायधीश के युगल पीठ में सुनवाई हुई है। कोर्ट ने मड़कम हिडमें के माता पिता और पति का शपथपत्र मांगा है। कल हम लोग कोर्ट में मृतक आदिवासी महिला हिड़मे के माता पिता का शपथ पत्र कोर्ट को सौंपेंगे।

                                हाईकोर्ट के बाद मंगला चौक स्थित आम आदमी पार्टी के कार्यालय में सोनी सोढ़ी पत्रकारों से रूबरू हुई। उन्होने बताया कि बस्तर संभाग में  सरकार और पुलिस आदिवासियों पर जुल्म कर रहे हैं। सोनी सोढी ने बताया कि मृतका की मां के अनुसार 13 जून की सुबह पुलिस के जवान गोमापार पहुंचे और घर को  घेर लिया। 20 साल की मडकम हिड़में को नक्सली बताकर उठा ले गए। गांव से चार किलोमीटर दूर पास के ही गांव की पहाड़ी में फर्जी एनकाउंच कर दिया। एनकांउटर के बाद  लाश को सुकमा ले गए।

                                                   मामले की जानकारी लगने पर जब मैं सुकमा गयी तो मुझे मृतक युवती के लाश के पास जाने नहीेें दिया गया। ला एन्ड आर्डर का हवाला देकर रेस्ट हाउस में मुझे बंधक बनाया गया। कुछ प्रायोजित भी़ड़ ने मुझ पर जानलेवा हमले का प्रयास किया। बावजूद इसके पुलिस और सरकार ने मुझे सुरक्षा नहीं दी। किसी तरह मड़कम हिड़के के माता पिता से सम्पर्क किया। आज उनके साथ बिलासपुर आयी हूं। सोनी सो़ढ़ो ने बताया कि बस्तर के नागरिक पुलिस आंतक के साए में हैं। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सोनी ने कहा कि केवल आदिवासी ही नहीं बल्कि किसी भी जाति या धर्म की महिला के खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत मिलती है तो हमारी पार्टी पी़ड़ित पक्ष की लड़ाई लड़ेगी।

                        हल्बी भाषा में मड़कम हिड़में की मां ने बताया कि पुलिस वालों ने उसकी बेटी को टुकड़े टुकड़े कर सौंपा है। लक्ष्मी ने बताया कि गांव वालो से उसे जानकारी मिली कि उसकी बेटी को पुलिस ने मार डाला है। सुकमा बुलाकर बेटी का शव दिया गया। बेटी के आंख कान,नाक शरीर से गायब थे। हाथ के मांस को भी निकाल लिया गया है। दोनों पैर और सिर को किसी बजनी बस्तु से कुचला गया है। लक्ष्मी ने रोतो हुए बताया कि मड़कम हिड़में के सीने को भी काट दिया गया है।

                               लक्ष्मी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि मृतक बेटी का दोस्त संतोष का संबध संघम से था। संतोष उसके गांव का ही है। वह बेटी को संघम में शामिल होने के लिए कहता था। लेकिन उसने संघम में शामिल होने से इंकार कर दिया था। लक्ष्मी के अनुसार मडकम हिड़में संघम या नक्सली संगठन से नहीं जुड़ी है। फिर भी उसे पुलिस वालों ने मार डाला। लक्ष्मी के अनुसार बेटी का बलात्कार भी किया गया है।

             सोनी सोढ़ी और पीड़ित परिवार के वकील ने बताया कि हमने जनहित याचिका में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। याचिका में हमने न्यायिक और एसआईटी जांच के अलावा पुलिस प्रशासन के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। अधिवक्ता रामनाथ पाण्डेय ने बताया कि कोर्ट से हमने पीड़ित परिवार को बीस लाख रूपए की सहायता राशि भी मांगी है। पाण्डेय के अनुसार हाईकोर्ट से स्थानीय थानेदार,रेंज आईझी,डीजीपी और सरकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है

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