हंगामे के बीच सामान्य सभा में सभी प्रस्ताव पास

BHASKAR MISHRA

IMG-20160627-WA0017बिलासपुर– जैसे की उम्मीद थी कि निगम की सामान्य सभा की बैठक हंगामेदार होगी। 19 में से 3 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर जमकर चर्चा हुई। पक्ष-विपक्ष में जमकर आरोप प्रत्यारोप दौर चला। सिवरेज परियोजना को लेकर दोनों दल कई बार आमने सामने दिखाए दिये। तोरवा पुल के नामकरण को लेकर भी विपक्ष ने अपना विरोध दर्ज कराया। लेकिन बहुमत के सामने कांग्रेसियों की एक नहीं चली। सभी प्रस्तावों को बहुमत दल ने पास कर दिया।

             
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                     नगर निगम की सामान्य सभा बैठक हमेशा की तरह शानदार हंगामेदार रही। तीखे नोंक झोंक के बीच बहुमत दल ने सभी प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित कर दिया। कांग्रेसियों ने निगम सरकार को जमकर घेरने का प्रयास किया। काफी हद तक सफल भी हुए। कार्यवाही शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष और महापौर ने नव नियु्क्त एल्डरमैने का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया।

                               निगम  सभापति अशोक विधानी ने पहली बार सामान्य सभा का हिस्सा बने नव नियुक्त निगम आयुक्त को बधाई दी। नव नियुक्त एल्डरमैन प्रवीण दुबे, राजेन्द्र भण्डारी, हेनरी और पाण्डेय का स्वागत किया गया।

            कांग्रेस पार्षद तैय्यब ने तोरवा पुल के नामकरण पर सवाल खडा करते हुए कहा कि इसके पहले भी सदन में कई बार शहीद विनोद चौबे के नाम पर ईमलीपारा सड़क का नामकरण और प्रतिमा लगाने का संकल्प लिया गया। आज तक शहीद के सम्मान में किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया। मंत्री के कहने पर तोरवा पुल का नाम विवेकानंद पुल कर दिया गया। तैय्यब ने कहा कि नामकरण से इंकार नहीं है। लेकिन पुराने संकल्प को भी महापौर पूरा करें। तैय्यब के सवालों का जवाब देते हुए किशोर राय ने कहा कि शहीद विनोद चौबे पर हमें गर्व है। सड़क नामकरण और प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। कांग्रेस को थोड़ा सब्र तो रखना ही होगा।

                सिवरेज के प्रस्ताव पर सदन में नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन, पार्षद दल प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल और तैय्यब ने निगम सरकार का घेराव किया। विपक्ष ने कहा कि सिवरेज की कार्यप्रणाली से सभी लोग परिचित हैं। किस विश्वास से नगर निगम  प्रदेश सरकार से वादा और दावा कर सकती है कि योजना में देर होने के बाद सिम्पलेक्स कंपनी मूल्यवृद्धि की मांग नही करेगी। कांग्रेस पार्षदों ने एमओयू दिखाने की भी मांग की। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि निगम के पास वेतन देने को पैसे नहीं है। दावा यह कि मूल्यवृद्धि की मांग होने पर निगम व्यवस्था करेगा..समझ से परे है। महापौर ने कांग्रेस के आरोपो का जवाब देते हुए कहा कि समस्या का हल कर लिया जाएगा। कांग्रेस को घबराने की जरूरत नहीं है। भाजपा पार्षदों ने एक सुर में प्रस्ताव को पारित कर दिया।20160627_121055

                        स्मार्ट सिटी को लेकर गर्मा गर्म बहस हुई। सभापति के विशेष संज्ञान मे किशोर राय ने बताया कि बिलासपुर स्मार्ट सिटी के चार स्थानों का चयन कर लिया गया है। निर्णय के आधार पर बिलासपुर स्मार्ट सिटी योजना के लिए सरकार से 36 हजार करोड़ राशि को बढ़ाने का मांग किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि रायपुर में सात सौ एकड़ में बनने वाली स्मार्ट सिटी के लिए 42 सौ करोड़ की मांग हो सकती है। बिलासपुर में बनने वाले एक हजार एकड़ वाली स्मार्ट सिटी के लिए 36 सौ करोड़ काफी कम है। कांग्रेसियों ने कहा कि केन्द्र और राज्य मिलकर स्मार्ट सिटी के लिए केवल साढ़े सात हजार करोड़ देंगे। बाकी का इंतजाम कहां से किया जाएगा। महापौर को स्पष्ट करना होगा।

                          महापौर ने बताया कि स्मार्ट सिटी के लिए सरकार अलग से सेटअप तैयार किया जाएगा। निगम से इसका कोई लेना देना नहीं होगा। स्मार्ट सिटी के लिए सबकी सहमति से 45 सौ करोड़ की मांग की जाएगी।इस बीच हास परिहास और व्यग्य वाण का भी दौर देखने को मिला।

       बहस के दौरान गौरव पथ को लेकर भी हंगामा हुआ। इंजीनियरों की कार्यशैली को लेकर भी वाद विवाद हुआ।

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