सौर ऊर्जा पर मोदी ने की छत्तीसगढ़ की तारीफ

Chief Editor
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saor urja  रायपुर ।   प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में सौर ऊर्जा प्रणाली के जरिए दूर-दराज की बसाहटों में स्वच्छ पेयजल के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में किए जा रहे उपायों की तारीफ की है। श्री मोदी बुधवार को  अपरान्ह नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक ले रहे थे।

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प्रधानमंत्री को बैठक में बताया गया कि देश के विभिन्न राज्यों में सौर ऊर्जा से पेयजल के लिए अब तक लगभग पांच हजार सोलर पम्प लगाए जा चुके हैं, जबकि इनमें से तीन हजार 162 सोलर पम्प अकेले छत्तीसगढ़ में स्थापित किए गए हैं। इनमें से अधिकांश सोलर पम्प बस्तर संभाग के ऐसे गांवों में लगाए गए हैं, जहां परम्परागत बिजली पहुंचाने में फिलहाल कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं। ऐसे गांवों की जरूरतमंद बसाहटों में सौर ऊर्जा आधारित ड्यूल ऑपरेटेड सोलर पम्प ग्रामीणों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड ने बताया कि इन सोलर पम्पों के अलावा राज्य में एक हजार 538 सोलर पम्प किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए लगाए गए हैं। ये भी सौर ऊर्जा से संचालित होते हैं।
मुख्य सचिव ने छत्तीसगढ़ में जल संवर्धन से संबंधित कार्यों की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री को बताया कि सूखे से प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल एक लाख 47 हजार 822 कार्य किए गए हैं। इन कार्यों से 89 हजार 126 सिंचाई क्षमता विकसित की गई है। इन कार्यों में तालाब निर्माण के नौ हजार 493, तालाब गहरीकरण के नौ हजार 550, डबरी (निजी तालाब) निर्माण के 49 हजार 869, कुआं निर्माण के सात हजार 712, रूपटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग के तीन हजार 536, चेकडेम निर्माण के दो हजार 168, एनीकट निर्माण के 38, भू-जल संवर्धन के अंतर्गत परकुलेशन तालाब, कन्टूर बंध, बोल्डर चेकडेम, गेबियन वाल्व, गली प्लग, अंडर ग्राउंड डाइक के 19 हजार 874, तटबंध निर्माण एवं बाढ़ नियंत्रण संरचना उन्नयन के 84, स्टाप डेम निर्माण/जीर्णोद्धार के 228, नहर लाईनिंग (360 किलोमीटर), सिंचाई नाली निर्माण के दो हजार 194, हैण्डपम्पों के सोक पिट के 42 हजार 204 कार्य तथा हाइड्रो फैक्चरिंग के 512 कार्य शामिल हैं।

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