रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार की नई राष्ट्रीय खनिज नीति से देश के विकास के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खुलने लगे हैं। हम सब अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए खनिजों के संतुलित दोहन के लिए वचनबद्ध हैं। देश की अर्थ व्यवस्था में खनिजों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में में नई नीति से खदानों की नीलामी की प्रक्रिया की पूरी पारदर्शिता के साथ होने लगी है।मुख्यमंत्री सोमवार दो दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय खान एवं खनिज संगोष्ठी के शुभारंभ सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने इस मौके पर यह भी ऐलान किया कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के खदान क्षेत्रों में भू-विस्थापितों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, आई.टी.आई. कृषि और आई.आई.टी. जैसी उच्च तकनीकी शिक्षा के लिए पूरी फीस अपनी ओर से देगी।
इसके अलावा कोरबा से रायगढ़ तक राज्य के खदान बहुल इलाकों में शत-प्रतिशत गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मात्र 200 रूपए का पंजीयन शुल्क लेकर 5000 रूपए का रसोई गैस कनेक्शन और चूल्हा निःशुल्क दिया जाएगा। संगोष्ठी का आयोजन राज्य सरकार के खनिज साधन विभाग और केन्द्रीय खान मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुभारंभ सत्र में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के खनिज बहुल क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की बड़ी संभावनाएं हैं। राष्ट्र के आर्थिक विकास और जी.डी.पी. को बढ़ाने में भी खनिज क्षेत्र काफी सहायक है। खनिज व्यवसाय में लगे व्यक्ति और संस्थान भी राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। श्री तोमर ने कहा कि खनिज व्यवसायी भी भारत के भविष्य के निर्माता है।
भारत को सजाने संवारने में उनकी सराहनीय भूमिका है। तोमर ने देश में पहली बार राष्ट्रीय खनिज संगोष्ठी के आयोजन और इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य के चयन का उल्लेख करते हुए कहा कि खनिज नीति बनाने में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह पहला राज्य है, जहां आज जिला खनिज न्यास की राशि से दंतेवाड़ा जिले के चयनित गांवों के लिए 25 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की शुरूआत हो रही है।