बिलासपुर— हाईकोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद ठग महिला शिक्षाकर्मी ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। नौकरी लगाने के नाम पर युवक से 12 लाख 40 हजार की ठगी के आरोप में आरक्षक मनोज सोनवानी और मेडिकल का छात्र प्रशांत जवाले पहले से ही जेल के भीतर है। पुलिस ने आशाकांत को भी गिरफ्तार कर लिया है।
मालूम हो कि नौकरी के लिए संघर्ष कर रहा पोषण कुमार साहू से तीनों ने मिलकर साल 2014 में लाखों का चूना लगाया। कवर्धा जिले का पोषण कुमार साहू बिलासपुर में पब्लिक सर्विस कमीशन की तैयारी करने आया था। उसकी पहचान मेडिकल कालेज के छात्र प्रशांत जवाले से हुई। प्रशांत जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज रायपुर में पढ़ाई करता था। जान पहचान पक्की होने के दौरान प्रशांत ने बताया कि उसकी पहचान कई विभागों के अधिकारियों से हैं। वह पोषण की नौकरी,पटवारी की नौकरी या पुलिस विभाग में लगवा सकता है। जरूरत पड़ी तो हास्टल का वार्डन बना सकता है। इसके लिए उसे कुछ खर्च करना होगा।
प्रशांत से प्रभावित होने के बाद पोषण ने खर्चा देने कबूल कर लिया। प्रशांत ने पोषण की पहचान जगदलपुर में पदस्थ आरक्षक मनोज सोनवानी से करवाया। मनोज ने पोषण से साढे बारह रूपए की मांग की। पोषण ने 12 लाख चालिस हजार रूपए दो किस्तों में जरहाभाठा में महिला शिक्षाकर्मी आशाकांत और मनोज सोनवानी के हाथ में दिया। बार बार कहे जाने के बाद भी तीनों ने पोषण को नौकरी नहीं दिलाया। इस बीच पोषण को अहसास हो गया कि वह भयंकर ठगी का शिकार हो चुका है। उसने सिविल लाइन थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। तात्कालीन आई जी और पुलिस कप्तान के सामने भी न्याय की गुहार लगाई।
शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए सिविल लाइन पुलिस ने प्रशांत जवाले के आलवा जगदलपुर में पदस्थ आरक्षक मनोज सोनवानी को मस्तूरी से गिरफ्तार किया। इस बीच महिला शिक्षाकर्मी पुलिस के आंख में धूल झोंककर बचने का प्रयास किया। हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी भी लगाई। जमानत याचिका खारिज होने के बाद आज महिला शिक्षाकर्मी आशाकांत ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया।
गिरफ्तारी के बाद आशाकांत ने पुलिस को बताया कि वह बेगुनाह है। उसे मामले में जबरदस्ती फंसाया जा रहा है। महिला ने बताया कि मनोज सोनवानी रिश्ते में उसका भाई है।