छत्तीसगढ़ में जोगी मतलब कांग्रेस-धरमजीत

BHASKAR MISHRA
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pic-1 रायपुर—पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष धरमजीत सिंह और पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे ने आज रायपुर में पत्रकारों से रूबरू हुए। दोनों नेता कांग्रेस और भाजपा पर जमकर हमला किया। धरमजीत सिह ने बताया कि कांग्रेस का सफाया क्षेत्रीय दलों ने ही किया है। उन्होंने जोगी को आत्मघाती कदम कहने वालों पर भी निशाना साधा। लगे हाथ ऐसे लोगों को धरमजीत ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेसियों को राजनीतिक इतिहास पढ़ने की भी सलाह दी है।

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                                 आज पत्रकारों से रूबरू होते हुए धरमजीत सिंह न कहा कि 6 जून को मुख्यमंत्री ने कहा था कि क्षेत्रीय पार्टियां बनती रहती है, तीसरी शक्ति को रोकने में हम सफल होंगें। इधर कांग्रेस के पदाधिकारी रोज किसी न किसी सम्मलेन के बहाने एकजुटता दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। धरमजीत ने चुटकी लेते हुए कहा कि अभी अगर दिल्ली के हाईकमान ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया तो शाम तक बाकी सारे दावेदार नेता जोगी बंगले में नजर आएंगे। कांग्रेस में इतने गुट बनेंगे कि जिसकी गिनती भी संभव नही होगी।

                       धरमजीत ने कहा कि कांग्रेस से अलग जनाधार वाले नेताओं ने क्षेत्रीय पार्टियां बनाई हैं। उस राज्य से कांग्रेस का सफाया हो गया है। ममता बनर्जी,जयललिता के राजनीतिक गुरु फिल्म स्टार एमजी रामचंद्रन,बीजू पटनायक को कौन भूल सकता है। इन्होने अपने राज्य में कांग्रेस का सफाया कर दिया है। भारत के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह भी कांग्रेस से ही अलग हुए थे। एनसीपी चीफ शरद पवार भी कांग्रेस ही थे। असम में अगर हेमंत बिस्वासर्मा जैसे पूर्व कांग्रेसी भाजपा के साथ नहीं होते तो भाजपा अपने बलबूते पर सरकार नहीं बना पाती।

                  कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि आंध्रप्रदेश में कांग्रेस की बरबादी में सबसे बड़ा हाथ जगनमोहन रेड्डी  को जाता है। जगन कांग्रेस के ही नेता थे। रहे। आंध्रप्रदेश से तेंलगना बनने के बाद आंध्रप्रदेश में पार्टी खाता भी नहीं खोल पायी। तेलंगाना में केसीआर की क्षेत्रीय पार्टी कांग्रेस का सफाया कर दिया है। हरियाणा में कांग्रेस से निकलकर बंशीलाल और भजनलाल ने कांग्रेस को मजा चखाया है।

                                   धरमजीत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में जोगी ही कांग्रेस थे और कांग्रेस ही जोगी है।  धरमजीत ने कहा कि शिव डहरिया की स्वर्गवासी माँ को भी नहीं छोड़ रहे हैं।घटना के दिन भूपेश बघेल ने राजनीतिक हत्या कहा था।  डहरिया का 34 दिन बाद विधानसभा सत्र के दौरान ऐसा कहना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। लगता है कि शिव डहरिया को जोगीा के विरोध में बोलने के लिए ऑफर दिया गया है। अगर डहरिया ने बिना सिर पैर के आरोप लगाना बंद नहीं किया तो क़ानूनी कार्यवाही की जायेगी।

लालच की राजनीति ना करें डहरिया..डीपी pic-2(1)

                       पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे ने आरोप लगाया है कि भूपेश बघेल समाज को बांटने में विश्वास रखते हैं। पहले रूद्र गुरु को राज्यसभा का लालच देकर जोगी के विरोध में इस्तेमाल किया। धोखा देने के बाद भूपेश बघेल आजकल शिव डहरिया को जोगी के खिलाफ हथियार बनाया है। इसी ओछी राजनीति के  कारण ही छत्तीसगढ़ के विभिन्न समाजों का एक एक कर कांग्रेस से विश्वास उठता जा रहा है। धृतलहरे ने कहा कि शिव डहरिया को छोटा भाई मानकर समझा रहा हूँ कि जिनकी संगत में वह स्वर्गवासी माँ की लाश पर राजनीति कर रहा है वे ही लोग काम निकलने के बाद उसे हासिए पर लटका देंगे। धृतलहरे ने कहा कि  शिव डहरिया लालच छोड़कर साफ सुथरी राजनीति करें।

                     धृतलहरे ने कहा कि क्रिकेट में बैट्समैन की एकाग्रता को भंग करने बालर और अन्य खिलाड़ी फब्तियां करते हैं। छत्तीसगढ़ की वर्त्तमान राजनीति में भी कुछ ऐसा हो रहा है। मुख्यमंत्री जोगी पर कांग्रेस को माध्यम बनाकर गलत आरोप लगाते हुए एकाग्रता भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सफलता नहीं मिलने वाली है। 2018 चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता को खुर्सी पर बिठाना है और हम कर के रहेंगे।

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