बिलासपुर—प्रशासन ने बाढ़ आपदा प्रबंधन को अलर्ट कर दिया है। बारिश के बाद उत्पन्न हालतों से निपटने लिए आपदा प्रबंधन की टीम ने भी कमर कस लिया है। जिले के कई क्षेत्रो में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो जाते हैं। नदियों के उफान पर आने के बाद बाढ़ का पानी नदी के किनारे बसे गाँवों और घरों के लिए खतरा साबित होती है। कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन की टीम को अलर्ट रहने को कहा है।
जिला प्रशासन ने बारिश से उत्पन्न हालातों से निपटने होमगार्ड प्रबंधन , राजस्व अमला और स्वास्थय चिकित्सा विभाग को आदेश जारी सजग रहने को कहा है। होमगार्ड प्रबन्धन ने 26 जवानो की स्पेशल टीम का गठन किया है। सूचना मिलते ही टीम तत्काल प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हो जाएगी। हालात की गतिविधियों पर नजर रखेगी।
जिला प्रशासन ने ट्रायल के तौर पर बाढ़ आपदा प्रबन्धन का एक माकड्रिल भी कराया है। समय पर टीम तत्काल प्रभावित स्थानों तक पहुँच कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। बाढ़ आपदा भंडारण शाखा में भी सुरक्षा और राहत उपकरणों को दुरुस्त कर लिया गया है। मोटर बोट , जैकेट और अन्य राहत उपकरणों को तत्काल उपयोग में लाया जा सकें। प्रशासन ने सख्त निर्देश दिया है। साथ ही किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिए सख्त निर्देश भी दिया है।
मालूम हो कि जिले में शिवनाथ , मनियारी , और अरपा नदी बारिश के समय पूरे उफान रहती है। मस्तुरी , लोहर्सी, पचपेड़ी , कोटा , तखतपुर इलाके में बाढ़ के हालत पैदा हो जाते हैं। नदी कििनारे बसे तीन दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से सीधे प्रभावित होते हैं। इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाता है और आम जीवन पर विपरीत असर छोड़ता है।
जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य महकमा को भी अलर्ट रहने को कहा है बारिश के दौरान होने वाली बीमारियों को गंभीरता से लेने को कहा है। बाढ़ के बाद संक्रामक बीमारियों से बचने चिकित्सकों को तैयार रहने का निर्देश दिया है। कलेक्टर ने बताया कि जिला प्रशासन किसी भी हालत से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। समेकित प्रयास से किसी भी परिस्थिति आपदा प्रबंधन की टीम सूचना मिलते ही तेज गति से अपना काम करने लगेगी।