क्या…? सुलझ गयी गौरंग मौत की मिस्ट्री….

BHASKAR MISHRA
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cast_twentyfiveबिलासुुर–एक दिन पहले पुलिस कप्तान ने प्रेस कांफ्रेसं में खुलासा किया कि गौरंग की मौत अधिक शराब पीने के बाद सीढ़ी से गिरने के कारण हुई है। चार लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। खुलासे के बाद सोशल मीडिया में गौरंग की मौत बन गयी मिस्ट्री नाम से जमकर  ट्रैंड चला। लोगों ने पुलिस पर दबाव में होकर काम करने का आरोप लगाया। कई लोगों ने कहा कि लिवर सीढ़ी से गिरकर नहीं फट सकता। कइयों ने तो कहा कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में काम किया। हाथ की हड़्डी सीढ़ी से गिरकर तीन टुकड़े में होना अजूबा है।  सोशल मीडिया में लोगों ने बताया कि चारों पर लगाई गयी धाराएं  कोर्ट में औंधे मुंह गिरने वाले हैं।

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                                          पुलिस का दावा है कि गौरंग की मौत सीढ़ी से गिरने से ही हुई है। सोशल मीडिया मानने को तैयार नहीं है। लोगों ने लिखा है कि पुलिस ने खुलासे में कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी की है। गौरंग की मौत की मिस्ट्री पुलिस सुलझाने का दावा भले ही करे…सच्चाई तो यह है कि गौरंग की मौत मिस्ट्री बन चुकी है। कई लोग तो गौरंग के माता पिता को घटना के लिए जिम्मेदार बताया है। पुलिस की कार्यप्रणाली पर शक किया है। क्या कहता है सोशल मीडिया आइए पढ़ते हैं…।DPA_FILE

                    वरिष्ठ साहित्यकार, व्यावसायी द्वारिका प्रसाद अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि बिलासपुर का गौरंग हो या मुम्बई का सलमान… मामले में पुलिस ने विधिसम्मत कार्य किया होगा। न्यायालय का न्याय हो या पुलिस की कार्यवाही…आमजन को संदेह क्यों होता है? ऐसा संदेह न्याय और पुलिस व्यवस्था की गुडविल के लिए चिंताजनक है।

वरिष्ठ पत्रकार केशव शुक्ल सीजी वाल पर लिखते हैं कि चिंताजनक बात है। मेरे युवापन में लोग थाने की सीढ़ी चढ़ने में घबराते थे। अदालत कचहरी तक छोटा मामला पहुंचना बहुत बड़ी बात होती थी।अब कुछ भी कहना मुश्किल है। गिरावट के कारणों का पता लगाना जरूरी है ।

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वरिष्ठ पत्रकार प्राण चड्ठा ने लिखा है कि कहानी में लोचा है। अदालत में दलील ठहर नहीं पाएगी। कैसे संभव है कि गौरंग को किसी ने गिरते नहीं देखा। किस बिना पर दोस्तों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। बार देर तक खुला था, क्या उसमें किसी पर जुर्म दर्ज हुआ। पुतला गिरना और जीवित व्यक्ति का गिरना कभी एक नहीं हो सकता।

सोशल यूजर विनोद का कहना है कि ये सब गलत है पोलिस कुछ छुपा रही है। पहले बताया गया की गोरँग के सिर का बाल उखडा हुआ था।  उसके आँखो के नीचे काला निशान था।  उसका मौज़ां उतरा हुआ था। ये सब सीढ़ी से गिरने के कारण नही हो सकता। उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिये। सच सामने आ जायगा…

अभी ने ने लिखा है कि पुलिस वाले झूठ बोल रहे हैं। छिपा रहे हैं। गौरंग को मारा गया है। फेयर डिसीजन का इंंतजार है।

 

नीरज वैष्णव ने बताया है कि कोई तो मां के दर्द को महसूस करे…। बाउसरों ने बेसमेन्ट में कई लोगों के साथ मारपीट की है। coments_2क्योंकि वहां सीसीटीवी नहींं है। गौरंग को न्याया नहीं मिला है।

प्रिया विल्सन लिखती हैं..कि क्या सिर्फ पूंजीपतियों के लिए ही न्याय है..गरीबों के लिए नहीं…गौरंग को न्याय मिलना चाहिए..अभी तक ऐसा होता नहीं दिखा है।

कमल नाथानी लिखते हैंं कि गौरंग को न्याय मिलना चाहिए। माल के मालिक की जिम्मेदारी बनती हैं कि देर रात तक आखिर बार को क्यों खुला रखा गया। प्रशासन को बार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

 

डॉ कल्पना दास ने वाल पर लिखा है कि शराब जिन्दगी को बरबाद कर देता है। गौरंग के माता पिता को घर से देर रात तक बाहर नहीं जाने देना चाहिए था। अच्छे दोस्तों का जिन्दगी मेंं महत्व होता है। पैसा और पावर इन्सान को अंधा बना देता है। इन दोनों से दूर रहने की जरूरत है।

अजय रोचवानी लिखते हैं कि गौरंग मामले में कुछ नहीं होना है…। इसमें शहर के रईस लोगों की औलाद शामिल है…इसलिए वही हुआ जो होना चाहिए था…मतलब खुलासे से जाहिर हो गया है।

coments_1जीत लिखते हैं कि लड़के के माता पिता को देर रात टीडीएस में शराब पीने जाने ही नहीं देना चाहिए था। पहले भी ऐसा ही किया होगा। इस बार भी किया। माता पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चे की खोज खबर रखे…। देर रात घर क्यों नहीं आया पता लगाना चाहिए था। पुलिस ने अपना काम किया। काम करते समय दबाव तो रहा ही होगा। वहीं हुआ जैसा हमेशा पुलिस करती है।

शिवा नायडू का कहना है कि पुलिस ने सर्वदलीय बैठक से पहले मामले को आननफानन में निपटा दिया। ,रासूखदारो के बेटों को फायदा मिला है। सबसे मुख्य आरोपी TDS BAR का संचालक है। अगर BAR इतनी देर तक नही खुला होता तो शायद घटना नही होती।

प्रतीक गुप्ता ने बताया कि मामले में सीबीआई जांच होनी जरूरी है। coments_4

सोशल मीडिया पर गौरंग की मौत की मिस्ट्री पर पिछले तीन चार दिनों से जमकर क्रिया प्रतिक्रिया चल रही है। लोग बढ़़चढ़कर मामले में अपनी राय दे रहे हैं। नाम गिनाना मुश्किल है। सभी लोग गौरंग की मौत के कारणों से लेकर पुलिस व्यवस्था पर अपनी भावनाओं को खुलकर रख रहे हैं। कोई इसके लिए माता पिता को तो कोई व्यवस्था को दोषी बता रहा है। पुलिस व्यवस्था पर सबसे ज्यादा प्रतिक्रियाएं आई हैं। कमोबेश ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि पुलिस ने अपना काम तो कर दिया। लेकिन गौरंग की मौत की मिस्ट्री को अभी भी नहीं सुलझाया जा सका है।

कई लोगों ने तो यह भी लिखा है कि चार दिन की हो हल्ला के बाद क्या सुलझ गयी गौरंग की मौत की मिस्ट्री…शायद नहीं।

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