बिलासपुर—भाजपा युवा नेता सुशात शुक्ला के अनुसार गौरंग की मौत दुखद है।मौत के लिए कई कारण हो सकते हैं। इसमे कुछ हमारी गलतियां शामिल हैं। बोबड़े परिवार के साथ अन्याय हुआ है। इसलिए सर्वदलीय मंच व्यवस्था के खिलाफ खुलकर सामने आया है। अच्छी बात है कि युवा सामने आया तो सही। वरना ऐसा लगता था कि बिलासपुर के युवाओं में अब वह तेवर नहीं रहा जो रेलवे जोन आंदोलन के समय हुआ करता था। पुलिस प्रशासन की तानाशाही का मैं विरोध करता हूं लेकिन विरोध मेरा इस बात के लिए भी है कि युवा बहुत देर से जागा। यदि पहले ही जाग गया होता तो गौरांग हमारे बीच होता। उसे अपनी नादानियों को समझने और सुधारने का मौका मिलता।
भाजपायुवा नेता ने बताया कि मैं कुछ दिनों से बाहर था जब शहर लौटा तो मालूम हुआ कि हमारे बीच से एक और युवा भ्रष्ट व्यवस्था का शिकार हो गया। सुनकर दुख होता है। सुनकर अच्छा लगा कि बिलासपुर का एक एक नागरिक गौरांग की मौत का हिसाब चाहता है। जरूरी भी है। युवा देश का गहना होता है। गौरांग भी था। सर्वदलीय मंच ने युवाओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ बिगुल फूंका है मैं उसमें कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हूं।
सुशांत ने बताया कि जानकारी के अनुसार जांच में लापरवाही हुई है। पुलिस का काम भी यही है। चूंकि मामला रसूखदारों से जुड़ा है इसलिए गौरांग के साथ न्याय नहीं हुआ।सुशांत ने बताया कि जिस प्रकार की आज बिलासपुर में गौरांग को लेकर सक्रियता दिखाई दे रही है। ऐसी सक्रियता यदि हमेशा रहे तो किसी भी गौरांग,मनहर या राजेन्द्र तिवारी के साथ अन्याय होगा ही नहीं।
मेरा मानना है कि सर्वदलीय मंच ही बिलासपुर को न्याय दिला सकता है। आज तक तारबाहर ट्रेन हादसा को भुलाए नहीं भूला जा सकता है। हादसे में प्रभावित कई लोगों को आज तक न्याय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। शहर की सड़कें बद से बदतर हैं। स्थानीय प्रशासन नाम की चीज नहीं है। सिवरेज में तीस से अधिक लोग मौत के मुंह में चले गये हैं। कालोनियों की सड़के बदहाल हैं। इन सबके लिए भी सर्वदलीय मच को सक्रिय होना पड़ेगा। अच्छा होगा कि हम गौरांग के बहाने आपसी मनमुटाव को दूर कर एक होकर बिलासपुर के समग्र विकास के लिए काम करें। तभी सच्चे अर्थों में गौरांग को न्याय मिलेगा। नियम के खिलाफ खुलने वाले शराब दुकानों को अभियान चलाकर बंद करना होगा। ना केवल शराब दुकान बल्कि हर वह दुकान जो नियमों से अपने को ऊपर से समझते हैं उन्हें भी पटरी पर लाया सकेगा।
महाराष्ट्र युवा मोर्चा के प्रभारी सुशांत ने बताया कि विश्वविद्यालय के दो युवा फांसी लगा लिये। आज तक उसके परिवार को न्याय नहीं मिला है। सुशील पाठक की मौत आज तक मिस्ट्री बनी हुई है। बैण्ड पार्टी के कर्मचारियों को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया जाता है। मुझे पूरा विश्वास है कि अब सर्वदलीय मंच और युवा व्यवस्था को जरूर लगाम लगाएगा। सुशांत ने बताया कि समय आ गया है कि यातायात व्यवस्था को लेकर भी मंच एकजुट होकर सामने आये। हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि हम अपने शहर को प्रदेश का सबसे अच्छा बनाये। यदि सब लोग एकजुट हो जाएंगे तो वह दिन दूर नहीं जब बिजली,पानी की व्यवस्था दुरूस्त करने कर्मचारी और अधिकारी सिर पर पैर रखकर भागते नजर आएँगे। तब ही अहसास होगा कि बिलासपुर में काम करने वाला ही अधिकारी और कर्मचारी रह सकता है।
सुशांत ने बताया कि गौरांग के परिवार को न्याय मिलना चाहिए।दोषियों का स्थान कारागार है। पुलिस को भी इस बात का अहसास हो कि बिलासपुर ने जब भी कुछ ठाना है उसे हासिल कर के ही माना है। मैं सर्वदलीय मंच को ना केवल समर्थन देता हूं बल्कि इस लड़ाई में गौरांग को न्याय दिलाने युवा टीम सहयोग करेगी।