मंत्री ने गुनगुनाया..कलाकारों ने शमा बांधा

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160731-WA0089  बिलासपुर– लगातार सफलता के 19 वें साल भी यांदे ने अमर गायक मोहम्मद रफी और किशोर कुमार को गीत संगीत के साथ श्रद्धांजलि दी। मंच से कलाकारों का सम्मान मंत्री अमर अग्रवाल ने किया। इसके पहले निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने रफी और किशोर के नग्मों को गुनगुनाया। अमर के इस अंदाज को श्रोताओं ने तालियों के साथ किया। मंत्री ने लय में नग्मों को गाकर महान गायकों को याद किया बल्कि भारतीय संगीत की दुनिया में गीत संगीत की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। इस दौरान मंच पर मुख्यअतिथि अमर अग्रवाल के अलावा विशिष्ट अतिथि सीवी रमन विश्वविद्यालय कुलसचिव शैलेश पाण्डेय.सीजी वाल प्रमुख संपादक रूद्र अवस्थी, महापौर किशोर राय और भाजपा जिला महामंत्री रामदेव कुमावत भी मौजूद थे।

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                                          यांदे कार्यक्रम में आज श्रोताओं ने आज संगीत प्रेमी अमर अग्रवाल को देखा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री अमर ने कहा कि अमर गायक रफी और किशोर कुमार के भारतीय संगीत की दुनिया में हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होने कहा कि दोनों गायकों ने भारतीय संगीत को नई ऊंचाई दी है। अमर ने बताया कि गीत संगीत की रचना परिस्थित जन्य होती हैं। हर व्यक्ति का अपना टेस्ट होता है। जिसे जो अच्छा लगता है उसी प्रकार के नग्मों में डूब जाता है। मजेदार बात है कि गाने वाला व्यक्ति एक ही होता है। जो सबके टेस्ट का ख्याल रखता है। किशोर और रफी इन्ही अमर गायकों में एक थे।IMG-20160731-WA0100

                                                        अपने संबोधन के दौरान अमर अग्रवाल ने पड़ोसन फिल्म से सामने वाली खिड़की को सुर,ताल और लय के साथ गाया। साथ ही मोहम्मद रफी को यह दुनिया…यह महफिल…मेरे काम की नहीं गाकर जमकर तालियां बटोरी। दर्शकों ने इस दौरान अमर का फिक्र में बेफिक्री कलाकार वाले अंदाज को करीब से देखा। अमर ने कहा कि इन गायकों ने अलग-अलग मूड के गीतों को गाया है। जिसे लोग आज भी उतना ही गंभीरता से पसंद कर रहे हैं जितना पहले किया करते थे।

                    मंच से अमर अग्रवाल ने बिलासपुर अंचल के विभिन्न विधाओं से जुड़े कलाकारों का शाल श्रीफल देकर सम्मान किया। मंच के संयोजक आलेख वर्मा अध्यक्ष गिरीश त्रिवेदी ने अमर अग्रवाल, शैलेश पाण्डेय, रूद्र अवस्थी,किशोर राय और रामदेव कुमावत का पुष्प गुच्छ और माला के साथ स्वागत किया।

           यांदे कार्यक्रम का दौर देर रात तक चला। नए और पुराने कलाकारों ने रफी और किशोर के नग्मों को गाकर विनम्र श्रद्घांजलि दी।इस दौरान राघवेन्द्र राव सभा भवन अंत तक खचाखच भरा हुआ था।

 

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