आंगनबाड़ियों मे 10 मुनगे के पेड़ लगाए-संभागायुक्त

Shri Mi
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unnamedबिलासपुर।बिलासपुर संभाग में किये जा रहे पौधरोपण की समीक्षा आगामी 6 माह बाद की जायेगी। रोपे गये पौधों को सबसे ज्यादा बचाने वालों को सम्मानित किया जायेगा। संभागायुक्त निहारिका बारिक सिंह ने गुरुवार को संभागायुक्त कार्यालय में संभाग स्तरीय कलेक्टर काॅन्फे्रंस में पौधरोपण की समीक्षा करते हुए उक्त बातंे कही। संभागायुक्त ने जिला कलेक्टरों से कहा कि अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रयास करें। साथ ही उसे बचाने के लिए जिम्मेदारी भी तय करें। उन्होंने कहा कि स्कूलों में जहां बाउण्ड्रीवाल है, वहां भी जगह चयनित कर पेड़ लगाया जा सकता है।

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                                    इसी तरह जहां फैसिंग हैं वहां भी लगवाएं। श्रीमती बारिक ने कहा कि बिलासपुर जिले के सीमावर्ती पर्यटन क्षेत्र आमाडोब, चुक्तीपानी एवं राजमेरगढ़ तक सड़क के दोनों तरफ खाली जगहों में पेड़ लगाये जायें। इसी तरह उन्होंने मुंगेली जिले के पथरिया क्षेत्र में भी फैसिंग वाले जगहों में पेड़ लगाने के लिए कहा। उन्होंने प्रत्येक आंगनबाड़ी में कम से कम 10-10 मुनगा के पेड़ लगाने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

                                   संभागायुक्त ने जांजगीर-चांपा जिले में भी चिन्हित एवं उद्योगों के आसपास व्यापक स्तर पर पेड़ लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने सुझाव दिए कि रोपे गए पौधों की सुरक्षा के लिए सीएसआर से ट्री-गार्ड भी लगवाएं। उन्होंने हाथी प्रभावित क्षेत्र के गांवों के सीमाओं में कटंग बांस लगवाने के लिए सुझाव दिए, यह एक सरल उपाय है। दो-तीन वर्ष के भीतर यह बांस बेरीकेट के रूप में बन जायेगा।

                                   संभागायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शासन के निर्देश के अनुरूप खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को तत्काल राशि उपलब्ध कराये। ताकि वे जरूरी सामान क्रय कर सकंे। उन्होंने विभिन्न मौसमी बीमारियों की तत्काल जानकारी प्राप्त करने के लिए सूचना तंत्र को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। सभी मैदानी अमले अपने मुख्यालय में रहें। इसके लिए जिला कलेक्टरों से कहा कि एसडीएम एवं तहसीलदारांे से आकस्मिक निरीक्षण करायें। उन्होंने यह भी कहा कि प्राथमिक एवं सामुदायिक केन्द्रों में अधोसंरचना के बाद भी कुछ बेड के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे अस्पतालों में जीवनदीप, सीएसआर या जनसहयोग से बेड उपलब्ध कराएं जाएं। ताकि व्यवस्थित रूप से कार्य हो सके।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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