बिलासपुर—-बिल्हा पूर्व एसडीएम अर्जुन सिंह सिसोदिया के खिलाफ राजेन्द्र तिवारी आत्महत्या मामले में जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट के संज्ञान में लिए जाने के बाद जिला प्रशासन ने जीवनलाल मनहर की मौत के मामले को लेकर गंभीर हो गया है। मनहर की मौत के बाद सिसोदिया के खिलाफ दंडाधिकारी जांच की घोषणा दस माह पहले की गई थी। हाइकोर्ट के एक्शन के बाद अब दंडाधिकारी ने मनहर के परिजनों को बयान देने के लिए बुलाया है।
बिल्हा के किसान जीवन लाल मनहर के खिलाफ बिल्हा के तत्कालीन एसडीएम सिसोदिया ने कथित रूप से तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा के आरोप में धारा 107/116 के तहत केस दर्ज किया था। जमानत देने के बजाय सिसोदिया ने 4 अक्टूबर को जेल भेज दिया था। यह जानते हुए भी कि ऐसे मामलों में जमानत देने का प्रावधान है।
कोर्ट से मनहर को दूसरे दिन ही जमानत मिल गयी। लेकिन मनहर ने जेल में ही दम तोड़ दिया। मनहर की मौत को लेकर बिल्हा में रोष फैल गया। आरोप लगा कि एसडीएम सिसोदिया की प्रताडऩा से उसकी मौत हो गई। इसमें जेल प्रशासन की भूमिका भी संदि‚ध है।
लोगों ने एसडीएम कार्यालय के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया। चक्काजाम भी किया। सिसोदिया की गिरफ्तारी की मांग की। आंदोलन में विधायक सियाराम कौशिक समेत कांग्रेस के लोग भी शामिल थे। जिला प्रशासन ने जांच कर सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। बाद में आंदोलन समाप्त किया गया।
घटना अक्तूबर की है, लेकिन दंडाधिकारी जांच शुरू नहीं हुई। इधर सिसोदिया दूसरे गंभीर मामले में फंस गए। एसडीएम कार्यालय के सामने बिल्हा के युवक कांग्रेस नेता राजे‹द्र तिवारी ने 26 अक्टूबर 2015 को पेशी से तंग आकर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। दो दिन बाद रायपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सिसोदिया के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर शव को रखकर चक्काजाम किया। सिसोदिया के खिलाफ हत्या का जुर्म दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की गयी। मामले में डंडाधिकारी जांच का आश्वासन देकर जिला प्रशासन ने आंदोलन समाप्त कराया। राजेन्द्र तिवारी आत्महत्या के मामले में दंडाधिकारी जांच हुई। इसके बावजूद अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई मामले में नहीं हुई है।
राजेन्द्र तिवारी के परिजनो ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने पिछले माह निर्देश दिया कि राजेन्द्र तिवारी दंडाधिकारी जांच की सारी कार्रवाई को कोर्ट के सामने 45 दिन के भीतर पेश करे। हाईकोर्ट के निर्देश पर हरकत में आए जिला प्रशासन को अब मनहर के मामले में भी फटकार न पड़े, इसकी चिंता सताने लगी है। अब जांच अधिकारी जिला पंचायत के सीईओ जे.पी. मौर्य ने मनहर के बेटे नरेन्द्र मनहर, रंजीत मनहर, संतोष मनहर साल पूरनलाल दिवाकर, जेल के डाक्टर और सरपंच चंद्रभूषण मनहर को 6 अगस्त को बयान देने के लिए अपनी कोर्ट में बुलाया है।