बिलासपुर—राजस्व एवं अापदा प्रबंधन मंत्रालय ने जिला प्रशासन को स्थानांतरण किये गए अधिकारियों को रिलीव करने का आदेश दिया है। सामान्यतः ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि स्थानांतरण आदेश के बाद अधिकारियों को लम्बे समय तक रोका जाता हो। बावजूद इसके जिला कलेक्टर कई तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को रिलीव करने में आनाकानी कर रहे थे। राजस्व मंत्रालय ने जिला कलेक्टरों के ढुलमुल रवैया से नाराज होकर एक तरफा आदेश वाला पत्र संभागायुक्त और कलेक्टरों को लिखा है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्रालय ने जिला प्रशासन को लिखे पत्र में आदेश दिया है कि स्थानांतरित किए गए सभी तहसीलदारों,नायब तहसीलदारों को रिलीव और पदभार दिया जाए। संभागायुक्त और कलेक्टर को जारी मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि जिला कलेक्टर शासन के आदेश को गंभीरता से पालन करें। जिन अधिकारियों का स्थानंतरण या पदोन्नत किया गया है वह तीन दिन के भीतर वर्तमान कार्यभार से मुक्त होकर निदेशित स्थान पर पहुंचे। आदेश की अनदेखी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात की गयी है।
करीब एक महीने पहले राज्य शासन ने प्रदेश स्तर पर तहसीलदारों,नायब तहसीलदारों और पदोन्नत अधिकारियों की स्थानांतरण जारी किया था। निश्चित समय सीमा में सभी अधिकारियों को कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया था। बावजूद इसके कई तहसीलदार वर्तमान स्थित को छोड़ने को तैयार नहीं है। नायब तहसीलदार से तहसीलदार बनाए गए अधिकारियों को कई जिलों के कलेक्टर ने रिलीव ही नहीं किया। स्थानांतरित किये गए तहसीलदार भी शासन के निर्देशों को अनसुना कर वर्तमान जगह छो़डने को तैयार नहीं हैं।
मालूम हो कि बिलासपुर समेत प्रदेश मे कुल राजस्व विभाग के करीब 70 तहसीलदार,नायब तहसीलदार और अधिकारियों को पदोन्नति और स्थानांतरित किया गया। इनमें से कई लोगों को रिलीव कर दिया गया तो कुछ लोगों को जिला प्रशासन ने अधर में लटका कर रखा है। जानकारी के अनुसार बिलासपुर तहसीलदार संदीप ठाकुर का स्थानांतरण सिमगा हो गया है। लेकिन वह बिलासपुर छोड़ने को तैयार नहीं है। इसी तरह नायब तहसीलदार से तहसीलदार बनाए गए कुछ अधिकारी कलेक्टर से रिलीविंग किये जाने का इंतजार कर रहे हैं। तो कुछ लोग स्थानांतरण रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
मंत्रालय ने लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आज एक तरफा आदेश जारी कर जिला प्रशासन और संभागायुक्त को निर्देश दिया है कि पूर्ववर्ती आदेश का गंभीरता से पालन किया जाए। तीन दिन के भीतर स्थानांतरित अधिकारियों को रीलिव कर पदभार ग्रहण करने का सुनिश्चित किया जाएगा।आदेश का पालन नहीं होने पर सख्त कदम उठाने की भी बात कही गयी है।