तहसीलदारों के बीच खो-खो प्रतियोगिता

BHASKAR MISHRA
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images (6)बिलासपुर—बार बार आदेश और नोटिस के बाद भी तहसीलदारों को रिलीव नहीं किया जा रहा है। कभी किसी बात को लेकर तो कभी किसी बात के बहाने तहसीलदार एक दूसरे को खो कर रहे हैं।  अब तो तहसीलदारों ने कहना शुरू कर दिया है कि अच्छा होता कि हम जहां थे..वहीं रहते। दरअसल मंत्री के आदेश के बाद भी जिला प्रशासन तहसीलदारों को निर्धारित पदस्थापना पर भेजने में हीलाहवाली कर रहा है। ऐसा क्यों किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

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                       अभी कुछ दिन पहले ही राजस्व मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि 17 अगस्त तक पदोन्न्त किये गए तहसीलदारों.नायब तहसीलदारों और स्थानांतरण किये गए लोगों को नव पदस्थापना के लिए रिलिव किया जाए। मंत्री ने जिला प्रशासन को सख्त लहजे में आदेश को पालन करने का भी निर्देश दिया है।

                माालूम हो कि एक महीने पहले कई नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाया गया है। कई तहसीलदारों को इधर से उधर किया गया। कुछ का रूटीन स्थानांतरण हुआ। कई तहसीलदार पुराने ठीहे का मोह को छोड़ने को तैयार नहीं है। जहां तहां दबाव बनाकर वर्तमान स्थित में ही डटे रहना चाहते हैं। इस बीच लगातार शिकायत के बाद कुछ तहसीलदारों और पदोन्नत तहसीलदारों को रिलीव कर दिया गया। लेकिन कुछ लोग अभी भी अधर में लटके हुए हैं। मजेदार बात तो यह है कई तहसीलदार निकले थे चीन के लिए लेकिन जापान पहुंच गए है। शासन के रूटीन स्थानांतरण के बाद जिला प्रशासन के खो ने उन्हें न घर का छोड़ा.. ना घाट का।

                                 शासन के आदेश और मंत्री दबाव के बाद भी जिला प्रशासन अपनों को बचाने का भरपूर प्रयास कर रहा है। स्थानांतरण आदेश के बाद भूपेन्द्र जोशी को जांजगीर से तखतपुर तहसीलदार बनाकर भेजा गया। लेकिन सकरी से संतोष करना पड़ा। अमित गुप्ता को शासन ने रामानुज नगर सूरजपुर के लिए स्थानांतरित किया लेकिन स्टे के बाद बिल्हा में ही जम गए। बाद में  अमित गुप्ता ने स्थानंतरण में बिल्हा के लिए संशोधन करवा लिया।

                     अमित गुप्ता के बिल्हा में स्टे करने से धमतरी से बिल्हा के लिए पदोन्नत किए गए तहसीलदार नारायण गभेल को सकरी का तहसीलदार बनाया गया। आठ दिन बाद जांजगीर से भूपेन्द्र जोशी ने खो किया नारायण गभेल को जिला प्रशासन ने सीपत का तहसीलदार बना दिया। हेमलता डहरिया कोटा पहुंच गयीं है।प्रमोद गुप्ता तखतपुर में अंगद की पांव की तरह जमे है।

                     बिलासपुर तहसीलदार संदीप सिंह ठाकुर का स्थानांतरण सिमगा कर दिया गया है। लोगों की माने तो ठाकुर बिलासपुर छोड़ने को तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि उन्होने स्थानांतरण को रद्द करवाने भरपूर प्रयास किया है।  जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन भी उन्हें रीलिव नहीं करना चाहता है। लेकिन राजस्व मंत्री के आदेश के बाद लगता है कि उन्हें अब सिमगा जाना ही होगा।

                            फिलहाल राजस्व विभाग में तहसीलदारों के बीच  खो-खो की प्रतियोगिता चरम पर है। कब कौन किसे खो कर दे। खुद तहसीलदार को पता नहीं है। यदि संदीप सिंह ठाकुर बिलासपुर ना छोड़ें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है। गभेल आए थे बिल्हा ज्वाइन करने लेकिन खो का शिकार होकर सकरी के रास्ते सीपत पहुंच गए। देखने वाली बात होगी कि जिला प्रशासन अब किसे खो करता है।

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