रायपुर—मरवाही विधायक अमित जोगी ने सरगुजा क्षेत्र के शहीद माटीपुत्रों की विधिवत अस्थि विसर्जन कर समाधि बनाने की मांग की है।अमित जोगी ने शनिवार को राज्यपाल के नाम सरगुजा कलेक्टर को लिखित निवेदन किया है। जोगी ने कलेक्टर को बताया कि रियासतकालीन सरगुजा में भयंकर सूखा.अकाल पड़ा था। उस समय सरगुजा के माटीपुत्रों लागुड नगसिया, बिगुड बनिया और थिथिर उरांव ने प्राणों की परवाह न करते हुए जनता की मदद की थी।
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अमित जोगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सच्चे क्रांतिकारियों के कार्य तत्कालीन सामंतों को नागवार गुजरा। माटीपुत्रों को विद्रोही बताकर जमकर प्रताड़ित किया गया। माटी पुत्रों का नामोनिशान मिटाने के लिए तात्कालीन सामंतवादी ताकतों ने इन्हें खौलते तेल की कड़ाही में डूबा दिया था। सरगुजा के यह सपूत शहीद हो गए। इन शहीदों के बलिदान से आम लोग प्रभावित होकर राजशाही के विरुद्ध आवाज़ न उठाएं। इसलिए तत्कालीन शपैलेश ने शहीदों की पहचान से संबंधित सारे दस्तावेज नष्ट करवा दिए। यहां तक कि तात्कालीन समय महल के भय से शहीदों के परिजन उनकी अस्थियों को भी विसर्जित नहीं किया।
राज्यपाल के नाम लिखे पत्र में अमित जोगी ने कलेक्टर को बताया कि ये शहीद आज भी लोककथाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों के दिलों में राज करते हैं। लागुड और बिगुड की अस्थियां आज भी अंबिकापुर बहुद्देशीय उमा शाला में रखी हुई हैं। जिस हालत में अस्थियां रखी हैं इसको देखने के बाद सिर शर्म से झुक जाता है। शहीदों की अस्थियों को स्कूल में एक भगोने में एकत्र कर रखा गया है।
अमित जोगी ने बताया कि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी माटी पुत्रों सरगुजा के सच्चे सपूतों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगी। सरगुजा क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर पाँचों शहीदों की शहादत को ससम्मान पर्व की तरह मनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ की आने वाली पीढ़ी इन क्रांतिकारी शहीदों के दिखाए रास्ते पर चल सके।