बिलासपुर– डबरीपारा के लोगो और कांग्रेस के विरोध के मद्देनजर जिला प्रशासन ने आज घुटना टेक दिया। बताया जा रहा है कि अतिक्रमण हटाने का अभियान मामले शांत होने के बाद किया जाएगा। इस बीच डबरीपारा पहुंचे अतिक्रमण दस्ते को भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
डबरीपारा स्थित स्थायी पट्टेधारियों को बेदखली के आदेश का कांग्रेस ने विरोध किया है। लोगों के आक्रोश के मद्देनजर आज अतिक्रमण दस्ते को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा है। लोग अतिक्रमण दस्ते का विरोध सड़क पर झंडा उठाकर किया। कांग्रेसियों ने भी अतिक्रमण द्स्ते को वापस जाने को मजबूर किया।
निगम आदेश और अतिक्रमण दस्ते के विरोध में कांग्रेसियों ने आज राज्यपाल के नाम कलेक्टर को लिखित शिकायत की है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से बताया कि डबरीपारा बस्ती को 1998 में तात्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने स्थायी पट्टा दिया है। प्रतिनिधिमंडल ने इस मौके पर अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा की। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अच्छा होगा कि कलेक्टर महोदय पहले डबरीपारा जाएं ताकि वस्तुस्थिति की उन्हें जानकारी हो जाए। वहां झुग्गी झोपड़ी या अवैध बस्ती का कोई मामला नहीं है।
प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने बताया कि निगम प्रशासन ने तुगलकी फरमान जारी कर डबरीपारा के 77 परिवारों को बेदखल करने का आदेश दिया है। कार्रवाई के पहले लोगों को नोटिस दिया जाना जरूरी है। 1998 में मध्यप्रदेश की दिग्विजय सिंह सरकार ने राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत भूमिहीन लोगों को उसी स्थान पर स्थायी पट्टा दिया..जहां पहले से ही काबिज थे।
सरकार से स्थायी पट्टा मिलने के बाद लोगो ने अपनी मेहनत और परिश्रम से पक्का मकान बनाया है। डबरीपारा में करीब 80 प्रतिशत लोग पक्के मकान में रहते हैं। सारी सुविधाएं सीसी रोड, नल कनेक्शन, बिजली मीटर, सामुदायिक भवन, सुलभ शौचालय है। सभी लोग सरकार से निर्धारित टैक्स का भुगतान करते हैं। लेकिन प्रशासन मंत्री के इशारे पर गरीब जनता को परेशान कर रहा है।
भुवनेश्वर यादव, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला, नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरूद्दीन, राजेश पाण्डेय, प्रदेश सचिव रामशरण यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार की आई.एच.एस.डी.पी. योजना का मूल उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में झुग्गी- झोपड़ी को तोड़कर उसी स्थान पर पक्का मकान बनाकर देना है। डबरीपारा में लगभग 80 प्रतिशत मकान पक्के हैं। कई मकान तो दो या तीन मंजिला हैं। वर्तमान बाजार भाव कम से कम 15 से 20 लाख रूपये है। ऐसे में जिला प्रशासन की कार्रवाई समझ परे है। ऐसे मकानों को झोपड़ी मानकर तोड़ने की कार्यवाही करना और बदले में अटल आवास जैसे स्तरहीन निर्माण, मूलभूत सुविधाओं से दूर मकानों को आवंटित करना सरासर अन्याय है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि भाजपा पार्षद ने भय और दबाव डालकर उन लोगों से शपथ लिखवाया है। ।
बहरहाल निगम और जिला प्रशासन के खिलाफ डबरीपारा निवासियों में आक्रोश है। जनता रातभर ’’रघुपति राघव राजा राम सब को सम्मति दे भगवान’’ को गाकर रतजगा कर रही है। स्थानीय निवासियों के अनुसार किसी भी परिस्थिति में मकान खाली नहीं करेंगे।
कांग्रेस बैठक
जिला शहर कांग्रेस कमेटी ने 23 अगस्त को सुबह 11 बजे कांग्रेस भवन में बैठक का आयोजन किया है। बैठक में डबरीपारा स्थायी पट्टाधारियों पर चर्चा होगी। बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी, पार्षद दल, महिला कांग्रेस, ब्लाक 1 और 2, युवा कांग्रेस, सेवादल, किसान दल, एनएसयूआई के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल होंगे।