रंजीत ने खटखटाया कलेक्टर का दरवाजा

BHASKAR MISHRA
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IMG20160822135027बिलासपुर—चुनावी घमासान के बीच जमुना प्रसाद वर्मा शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दिनभर तनाव का वातावरण देखने को मिला। मतगणना के बाद परिणाम से मंगल सिंह गुट ने कलेक्टर का दरवाजा खटखटाया है। मंगल सिंह और रंजीत सिंह यादव ने अध्यक्ष पद के लिए डाले गए मतों की फिर से गिनती की मांग की है। जमुना प्रसाद महाविद्यालय में मंगल सिंह के स्वतंत्र पैनल अध्यक्ष प्रत्याशी ने मतगणना के दौरान धांधली का आरोप लगाया है।

             
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                              एसबीआर कालेज में सुबह मतदान के साथ शुरू हुआ तनाव देर शाम तक बना रहा। इस बीच पुलिस और जमकर आंखमिचौली हुई। देर शाम परिणाम के बाद भी पुलिस को छात्रों को नियंत्रित करने में पसीना बहाना पडा है।

                                                    देर शाम एसबीआर के परिणाम से मंगल गुट निराश नजर आया। मंगल गुट के स्वतंत्र पैनल अध्यक्ष प्रत्याशी को शैलेन्द्र गुट के अध्यक्ष प्रत्याशी ने 6 वोट से हरा दिया । अध्यक्ष सचिव और सह सचिव का पद मंगल गुट के खाते में गया । रामबहादुर सोनकर,प्रियंका खाण्डे,देवेन्द्र केशरवानी को शैलेन्द्र गुट के प्रत्याशी पर जीत मिली ।

                  मंगल गुट ने परिणाम के बाद अध्यक्ष पद के लिए डाले गए वोटों की रिकाउन्टिंग की मांग की। रंजीत सिंह यादव के आवेदन को जमुना प्रसाद महाविद्यालय के चुनाव अधिकारी और प्राचार्य ने नकार दिया। उन्होने बताया कि रिकाउन्टिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। नाराज मंगल गुट के छात्रों ने जमकर हंगामा मचाया।

कलेक्टर से गुहार

                    कालेज प्रबंधन से इंकार के बाद मंगल गुट के नेताओं ने रंजीत यादव के साथ कलेक्टर का दरवाजा खटखटाया। कलेक्टर निवास पहुंचकर छात्रों ने लिखित आवेदन पेश कर अध्यक्ष पद के लिए डाले गए मतों की फिर से काउंटिंग करने को कहा। मंगल सिंह ने सीजी वाल को बताया कि कलेक्टर ने मांग को नकार दिया है। उन्होने बताया कि रिकाउंटिंग का प्रावधान नहीं है। बावजूद इसके छात्रों की तसल्ली के लिए मतगणना के दौरान हुई वीडियोग्राफी को देखा जाएगा। किसी प्रकार की धांधली होने पर जरूरी कदम उठाया जाएगा।

                                 मंगल सिंह और रंजीत सिंह यादव ने कलेक्टर को बताया कि मतगणना के दौरान शैलेन्द्र गुट के कहने पर प्रबंधन ने बीच में ही अध्यक्ष के मतों का फिर से गणना किया गया। उस समय रंजीत सिंह यादव भारी मतों से पिछड़ने के बाद अनुराग दुबे से मात्र 13 वोट पीछे था। बीच में ही अनुराग दुबे ने मतगणना का काम रोककर फिर से काउंटिंग करने को कहा। अनुराग दुबे यकायक 35 वोट से आगे हो गया।

                                                        रंजीत ने कलेक्टर को बताया कि यदि मतगणना रोककर फिर से काउंटिंग हो सकती है। तो दुबारा काउंटिंग क्यों नहीं हो सकती। लेकिन कलेक्टर ने रिकाउंटिंग से इंकार कर दिया।

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