किसने हराया एबीव्हीपी को…..

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160826-WA0101बिलासपुर—छात्र संघ चुनाव बहुत कुछ कह गया…बहुत कुछ कहना बाकी है। एनएसयूआई की सफलता पर कांग्रेस में उत्साह है। एबीव्हीपी खेमें में सफलता को लेकर अलग गणित है। यह जानते हुए भी कि बिलासपुर छात्र संघ चुनाव के मायने सीएमडी पर जीत और हार है। सीएमडी की जीत अन्य कालेजों की जीत और हार पर भारी पड़ती है। कुछ समय तक सीएमडी पर एबीव्हीपी का कब्जा रहा है। इस बार एनएसयूआई ने झंडा फहराया है।

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                               एनएसयूआई कांग्रेस की छात्र विग है। कांग्रेस का दावा है कि एनएसयूआई देश का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। बावजूद इसके एबीव्हीपी विरोधी पैनल को समर्थन दिया। मातृसंगठन नहीं होने के बाद भी एबीव्हीपी को भाजपा का भरपूर समर्थन मिला।

                             एनएसयूआई की मौलिकता को कांग्रेस ने  कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई समर्थित पैनल को उम्मीद से कहीं ज्यादा सफलता मिली । सीएमडी फतह के बाद बिलासपुर कांग्रेस के हौंसले बुलंद हैं। सीएमडी फतह में सबसे ज्यादा योगदान सक्रिय कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति और कुछ श्रेय एबीव्हीपी की गुटबाजी को जाता है।

                                   पिछली बार कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सीएमडी में एनएसयूआई का लुटिया डुबायी थी। इस बार उनकी सक्रियता नजर नहीं आयी। हालात ही कुछ ऐसे थे… अन्यथा एनएसयूआई की हार में उनका योगदान इस बार भी होता।

                  छात्र संघ चुनाव के ठीक पहले एबीव्हीपी के कुछ बड़े मार्गदर्शकों ने खुद को दूर कर लिया। इसके पीछे कुछ अलग जोड़ घटाना बताया जा रहा है।  दबी आवाज में एक खबर यह भी मिली कि ऐसा परिवाद के लांछन से बचने के लिए किया गया। बताया तो यह भी जा रहा है कि ऐसा परिवार को मजबूत करने के लिए ही किया गया है। ताकि समय रहते विश्वविद्यालय चुनावू के छात्र संघ प्रतिनिधियों से सजीव सम्पर्क हो जाए।

                            एनएसयूआई जीत और एबीव्हीपी की हार की मुख्य वजह गुटबाजी और चंदाखोरी बताया जा रहा है। चंदाखोरी की शिकायत पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने कार्यकर्ताओं को चुनाव से दूर रहने का निर्देश दिया। दशहरा, होली, दीपावली वाले एबीव्हीपी नेताओं ने युवा संगठन के निर्देशों को दरकिनार कर एबीव्हीपी समर्थित पैनल के पैरलल पैनल खड़ा कर दिया। एबीव्हीपी या युवा मोर्चा को इससे क्या हासिल हुआ …उनके नेता जाने…हां एनएसयूआई की सीएमडी जीत ने कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम जरूर किया है।

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