बिलासपुर— जिले के प्रशासनिक अधिकारी सत्ता और संगठन को खुश रखने के लिए उज्जवला योजना के लिए क्षेत्रानुसार कार्यक्रम का आयोजन करने केा निश्चय किया है। अधिकारी और भाजपा नेता व्यापारियों पर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। संभागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय ने कहा है कि अधिकारियों की तानाशाही और व्यापारियों पर दबाव को कांग्रेस पार्टी बर्दास्त नहीं करेगी।
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कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय ने बताया कि उज्जवला योजना के नाम पर अधिकारी व्यापारियों से लूट पाट की स्कीम तैयार कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को फायदा पहॅुचाने के लिए व्यवसायियों पर दबाव बनाया जा रहा है। अभय ने कहा कि केन्द्र सरकार ने उज्जवला योजना के तहत 2002 की गरीबी रेखा में शामिल गरीबों को गैस, चूल्हा और सिलेण्डर देने का एलान किया है। योजना के प्रचार- प्रसार और शुभारंभ में भारी भरकम राशि जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर खर्च की गयी। केन्द्र सरकार की राशि को अधिकारियों ने अन्य मदों में खर्च कर दिया।
राशि खत्म होने पर प्रदेश के व्यापारियो पर प्रशासनिक तानाशाहों ने अनावश्यक दबाव बनाकर मंत्रियों का कार्यक्रम आयोजित किया। बिलासपुर में योजना को मंत्री अमर अग्रवाल की उपस्थित में शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम बेलतरा विधायक बद्रीधर दीवान, तखतपुर विधायक राजू क्षत्री शामिल हुए। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश स्तर के नेता भी शामिल हुए।
अभय का आरोप है कि अब विधानसभा में अलग से कार्यक्रम की रणनीति तैयार की जा रही है। इसके लिए एक बार फिर व्यापारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। यह जानते हुए भी सरकारी कार्यक्रम मंत्रियों की अगुवाई में होता है। बावजूद इसके बिलासपुर जिले के कई विधानसभा में अलग से कार्यक्रम आयोजित करने की प्लानिंग हो रही है।
कांग्रेस नेता के अनुसार सत्ता और संगठन के दो अलग-अलग शक्ति केन्द्र हैं। प्रशासनिक अधिकारी दोनों को अलग- अलग खुश करने का प्रयास कर रहें हैं। व्यापारियों के खर्चे पर दूसरा कार्यक्रम करने की तैयारी की जा रही है। केन्द्र और राज्य शासन की कोई भी योजना हो, उस योजना का शुभारंभ सांसद, विधायक, मंत्री या र्वाचित जन प्रतिनिधि की उपस्थिति में होना चाहिए। ना कि किसी राजनीतिक दल के प्रमुख की उपस्थिति में।
अभय ने बताया कि कांग्रेस पार्टी प्रशासनिक अधिकारियों को सचेत करती है कि कोई भी ऐसा कार्य दबाव में ना बनाए जिससे अन्य राजनीतिक दलों को सड़क पर उतरने को मजबूर होना पड़े।