शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी

BHASKAR MISHRA
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SHRAMIK बिलासपुर— छत्तीसगढ़ राज्य बाल श्रमिक संघ ने नेहरू चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। संघ का कहना है कि उन्हें पिछले 9 महीने से वेतन नहीं दिया गया है। जिसके चलते उनका जीवन यापन मुश्किल से हो रहा है। श्रमिक संघ के अनुसार जिला परियोजना अधिकारी बिलासपुर की तानाशाही से वे लोग परेशान हैं। अधिकारी ने कार्यालय पर ताला जड़ दिया है। जिसके विरोध में राज्य बाल श्रमिक संघ के कर्चारी 8 से 12 जून तक क्रमिक धरना रायपुर में देंगे।

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कर्मचारियों ने बताया कि परियोजना अधिकारी के तानाशाही के खिलाफ 13 जून को जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। राज्य सरकार ने बालश्रमिक स्कूलों को बंद कर दिया है। वहीं यहां कार्य कर रहे कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का कोई आदेश या निर्देश भी नहीं दिया गया है कि वे लोग आगे क्या करें। कर्चारियों ने बताया कि यदि शासन चाहे तो जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, आदिम जाति में संविलियन के रूप में भर्ती किया जा सकता है। इन विभागों में पहले से ही काफी पद रिक्त हैं। शासन ने यदि समय रहते बाल श्रमिक कर्मचारियों की मांग को नहीं माना तो जेल भरो आंदोलन के बाद बड़े आंदोलन के लिए रूपरेखा तैयार करेंगे। इस बीच यदि किसी प्रकार की दुर्घटना होती है तो इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ बाल परियोजना के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

मालूम हो कि सरकार के आदेश के बाद बाल श्रमिक विद्यालय को बंद कर दिया गया है। जिसके चलते यहां काम करने वाले कर्मचारी सड़क पर आ गये हैं। 2005 में सरकार के आदेश के बाद शासन ने श्रमिक वर्ग के ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं जाते हैं के लिए विशेष योजना के तहत श्रमिक स्कूल खोला था। बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक भी नियुक्त किये गये थे। स्कूल में वह सभी सुविधाएं मुहैया करवाई गयी जो सामान्य स्कूलों में होती है। लेकिन अभी पिछले दिनों सरकार ने एक आदेश जारी कर बाल श्रमिक स्कूलों को बंद करने का एलान किया है। इस ऐलान के बाद स्कूल में काम करने वाले शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं। शिक्षकों ने सरकार से जीवन यापन के लिए नौकरी की गुहार लगाई है।

 

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