♦म.बा.वि को मिलेगी 1.7 करोड़ रूपए ♦समय पर पूरा किया काम
रायपुर।महिला एवं बाल विकास के सचिव सोनमणि बोरा ने शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में बताया कि एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के सदृढ़ीकरण और पोषण स्तर में सुधार की योजना (स्निप प्रोजेक्ट) में छत्तीसगढ़ राज्य पहले दो राज्यों में शामिल हैं। लक्ष्य आधारित संकेतकों (डी.एल.आई.) को समय पर पूरा करने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य को 3.4 करोड़ की राशि प्रोत्साहन के रूप में मिलेगी। छत्तीसगढ़ राज्य ने भारत शासन के निर्देशानुसार मई-जून में सात जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बांटने के लिए स्मार्ट फोन खरीदने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। सचिव ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस स्मार्ट फोन के उपयोग से सॉफ्टवेयर और डेटा प्लान के कार्यों में सरलता के साथ कार्यक्षमता में बढ़ोतरी और समय की बचत भी होगी।
साथ ही सामुदायिक भागीदारी से ट्रेनिंग मॉड्यूल को समय पर पूरे किया गया, जिसके कारण दो डी.एल.आई.. समय पर पूरी हो गई है। डी.एल.आई. जिसका ट्रेनिंग मॉड्यूल 789 का प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ।बोरा ने बताया कि डी.एल.आई.-4 में नवाचार की योजना को राज्य में विगत माह अगस्त 2016 में पूरा कर लिया गया। भारत सरकार और विश्व बैंक के सहयोग से चार डी.एल.आई. का शेड्यूल के हिसाब से समय पर चल रही है। अंतिम डी.एल.आई. का प्रोजेक्ट मैनेजमेंट दिसंबर 2017 तक चलेगी। इसको भी समय रहते पूर्ण करने का लक्ष्य है।
विश्व बैंक और भारत सरकार द्वारा घोषित प्रत्येक डी.एल.आई. को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा करने के लिए 1.7 करोड़ रूपए की राशि प्रोत्साहन के रूप में दिए जाने का प्रावधान है। तीसरा और चौथा चरण भी समय पर चल रहा है और समय पूर्व सम्पन्न करने का लक्ष्य है।
आठ और नौ सितम्बर 2016 को सतत सीख प्रक्रिया पर राज्य स्रोत दल के द्वारा पर्यवेक्षकों को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, जिसका केन्द्र बिन्दु आई.एफ.-2, 3 और एन-3 था। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से कुपोषण पर विजय पाना है।