रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह बुधवार को राज्य के अध्ययन दौरे पर आए भारतीय सूचना सेवा के नवनियुक्त अधिकारियों से मुलाकात की।मुख्यमंत्री ने कहा कि दूर-दराज गांवों तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने की कोशिश जारी हैऔर इस सिलसिले मे बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का उदाहरण दिया और कहा कि लगभग ढाई महीने पहले इस जिले की सभी 340 ग्राम पंचायते इंटरनेट के जरिए देश और दुनिया से सीधे जुड़ गई है। हमने अपने लक्ष्य का यह पहला चरण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को केन्द्र के सहयोग से ब्रॉडबैंड के जरिए इंटरनेट से जोड़ने की दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री राजधानी के अपने दफ्तरों में बैठकर दस हजार से ज्यादा इन ग्राम पंचायतों के पंच-सरपंचों से कम्प्यूटर पर ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीधी बातचीत कर सकें।
इन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। डॉ. रमन सिंह ने उन्हें छत्तीसगढ़ की पारदर्शी और कम्प्यूटरीकृत सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा-राज्य सरकार ने कानून बनाकर छत्तीसगढ़ के लगभग 60 लाख गरीब परिवारों को भोजन का अधिकार दिलाया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रिंट मीडिया, टेलीविजन और सोशल मीडिया के इस युग में आज भी रेडियो छत्तीसगढ़ के दूर-दराज गांवों और कस्बों में लोगों के लिए सूचना, शिक्षा और मनोरंजन का प्रभावी माध्यम बना हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ’मन की बात’ से प्रेरणा लेकर जनता से अपने विचारों को साझा करने के लिए राज्य में आकाशवाणी से हर महीने के दूसरे रविवार को ’रमन के गोठ’ कार्यक्रम शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने नक्सल समस्या की चर्चा करते हुए कहा कि पुलिस और केन्द्रीय बलों के हमारे बहादुर जवान नक्सलवाद के खिलाफ दुनिया की सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले बारह साल में राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 75 प्रतिशत इलाके को नक्सल प्रभाव से मुक्त कर लिया गया है और मुझे उम्मीद है कि हम अगले तीन साल में इसमें शत-प्रतिशत कामयाब हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नक्सलवाद का जवाब सिर्फ बंदूक यो गोली नहीं है। प्रभावित क्षेत्रों में जनता की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी भी जरूरी है और इस दिशा में राज्य सरकार के प्रयास अब रंग ला रहे हैं। उन्होंने इस सिलसिले में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत चलाए जा रहे प्रयास आवासीय विद्यालयों की जानकारी दी और दंतेवाड़ा जिले के ग्राम जावंगा में स्थापित एजुकेशन सिटी के बारे में भी बताया। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रयास आवासीय विद्यालयों के 27 बच्चे इस बार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) की कठिन प्रवेश परीक्षा में सफल हुए हैं।
डॉ सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि अगले साल कम से कम 100 बच्चे आईआईटी में चयनित हों। इस अवसर पर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति प्रोफेसर मानसिंह परमार, जनसम्पर्क विभाग के सचिव संतोष मिश्रा और संचालक जनसम्पर्क राजेश सुकुमार टोप्पो भी उपस्थित थे।