जनसुविधाओं में वृद्धि के लिए तैयार रहे निकाय

Shri Mi
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nikay_mahapourरायपुर।छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग द्वारा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सहयोग से गुरुवार को राज्य स्तरीय महापौर विमर्श का आयोजन किया गया। बैठक में आयोग के अध्यक्ष चंद्रशेखर साहू ने कहा कि राज्य वित्त आयोग के परामर्श से राज्य शासन द्वारा नगरीय निकायों और पंचायतों को राशि दी जाती है।इसके लिए सबसे पहले नगरीय निकायों की जरूरतों और कठिनाइयों को समझना जरूरी है। इसी उद्देश्य से पहले चरण में नगर निगमों के महापौर, सभापति, नेताप्रतिपक्ष से विचार-विमर्श का आयोजन किया गया है। यहां से प्राप्त सुझावों के आधार पर आयोग अपना प्रतिवेदन राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। श्री साहू ने नगर निगमों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने सुझाव आयोग की वेबसाइट, ई-मेल के माध्यम अथवा आयोग कार्यालय के पते पर भेज सकते हैं।

                                             इस मौके पर पूर्व मुख्य सचिव एस के मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, जनसुविधाओं में वृद्धि के लिए नगरीय निकायों को तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि निकायों की आय बढ़ाने राज्य सरकार द्वारा नगरीय राजस्व नियामक आयोग की परिकल्पना की गई है।

                                            नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के विशेष सचिव डॉ. रोहित यादव ने केंद्र एवं राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। यादव ने बताया कि मिशन अमृत के तहत राज्य के एक लाख से अधिक आबादी के नौ शहरों-रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, अंबिकापुर, जगदलपुर, रायगढ़ एवं कोरबा में 2119 करोड़ रुपए की कार्ययोजना तैयार की गई है इसके तहत पाइप लाइन के माध्यम से सभी घरों में पानी पहुंचाना पहली प्राथमिकता है।

                                       बैठक में नगर निगमों में जन सुविधाओं के विस्तार में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर विस्तृत चर्चा हुई। इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के विशेष सचिव व्ही.के. छबलानी ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) मॉडल पर प्रस्तुतिकरण दिया।छबलानी ने कहा कि निजी क्षेत्र की कार्यकुशलता, दक्षता एवं तकनीकी प्रबंधन का उपयोग कर नगरीय निकाय अपनी आय का स्त्रोत बढ़ा सकते हैं। इससे सीमित बजट संसाधनों से वृहद अधोसंरचना का निर्माण किया जा सकता है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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