सीयू मे रिफ्रेसर कोर्स का समापन

Shri Mi
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cu_refresherगुरू घासीदास विश्वविद्यालय, यू.जी.सी.-मानव संसाधन विकास केन्द्र (एच.आर.डी.सी.) में रिफ्रेसर कोर्स आॅन एनवाॅयरोनमेन्टल साईंसेस विषय पर 01 से 23 सितम्बर तक आयोजित किया गया। इस अवसर पर उक्त रिफ्रेसर कोर्स के कोर्स कोआर्डीनेटर प्रो. एस. एस. सिंह, वानिकी, पर्यावरण एवं वन्य जीव विभाग तथा डाॅ. रत्नेश सिंह, प्रभारी निदेशक, एच.आर.डी.सी. एवं डाॅ. सुबल दास, सहायक निदेशक, गु.घा.वि.वि. उपस्थित थे।

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                                           प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को प्रभारी कुलपति प्रो. एस. पी. सिंह के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। प्रो. सिंह ने अपने अनुभवों को साझा किया और यू.जी.सी.-एच.आर.डी.सी. के सदस्यों को सराहा और प्रतिभागियों को कड़ी मेहनत कर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होनें कहा कि गुरू घासीदास विश्वविद्यालय का पर्यावरण शोध के लिए अनुकूल है। उन्होनंे उदाहरण देते हुए कहा कि जितना आक्सीजन ग्रहण करेगें उतना तनाव मुक्त होगें।
कोर्स कोआर्डीनेटर प्रो. एस. एस. सिंह ने उक्त प्रशिक्षण की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि उक्त प्रशिक्षण में म.प्र., आसाम, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय/महाविद्यालय से 36 प्रतिभागी सम्मिलित हुए थे। उन्होनंे कहा कि इस प्रशिक्षण में विभिन्न विषय विशेषज्ञों आमंत्रित किया गया था जिन्होनें पर्यावरण के समस्त आयामों पर प्रशिक्षण प्रदाय किया। उन्होनें कहा कि इस कार्यक्रम मंे उपस्थित समस्त प्रतिभागियों सम्पूर्ण प्रदर्शन सराहनीय था।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. बी. एन. तिवारी, कुलसचिव ने अपने उदबोधन में कहा कि पर्यावरण की संवेदनशीलता को आगामी पीढ़ी तक ले जाए। उन्होनें यह भी जानकारी दी है कि जो फीडबैक प्रतिभागियों से प्राप्त हुए हैं जिनसे हमारे एच.आर.डी.सी. को अपग्रेड करने में मदद मिलेगी।
माॅनव संसाधन विकास केन्द्र के प्रभारी निदेशक ने बताया कि प्रतिभागियों द्वारा प्रदाय रिसोर्स पर्सन्स के फीडबैक के अनुसार ही विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाता है। साथ ही उन्होनंे एच.आर.डी.सी. के समस्त स्टाॅफ को उनके कार्यो की सराहना की।
इस प्रशिक्षण में म.प्र., असम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय/महाविद्यालय के 36 प्रशिक्षणाथिर्यों ने भाग लिया। उक्त प्रशिक्षण 18 दिवस का था जो 72 सत्रों में आयोजित किया गया, जिसमंे विभिन्न व्याख्यान, प्रायोगिक, परीक्षा एवं रजिस्टेªशन, उदघाटन, समापन, आदि किये गये। कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद डाॅ. सुबल दास, सहायक निदेशक द्वारा किया गया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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