बिलासपुर—ओमनगर क्षेत्र में बाढ़ आ गयी है….। कुछ अटपटा …लेकिन खबर सच है। बिलासपुर के लोग पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहे हैं…लेकिन ओमनगर में बाढ़ के हालात हैं। जी हां…निगम की कार्यप्रणाली ही कुछ ऐसी है कि जहां चाहे वहां बाढ़ और जहां चाहे सूखा के हालात पैदा कर दे। ओमनगर में भी ऐसा ही कुछ शनिवार को हुआ। तालाब के मेड़ को निगम अमले ने कटवा दिया। देखते ही देखते तालाब का गंदा पानी घरों और गलिया में घुटने के ऊपर तक भर गया। बावजूद इसके निगम अधिकारी और महापौर को लोगों के परेशानियों की चिंता नहीं है।
वाह रे निगम…वाह रे अधिकारी और महापौर….तुलगकी फरमान जारी कर जतिया तालाब के मेड़ को काट दिया। तालाब का गंदा पानी घरों और गलियों में घुस गया। लोगों ने जब मदद की गुहार लगाई तो सबसे पहले निगम प्रशासन ने ही हाथ खड़ा कर दिया। मालूम हो कि इस साल भी मानसून ने धोखा दिया है। सरकार पानी बचाने के लिए गला फाड़ रही है।कुछ महीने पहले ही निगम आयुक्त ने वाटर लेबल बढ़ाने वाटर हार्वेस्टिंग अभियान चलाया। लेकिन अब निगम अधिकारी ही अपने तुलगकी फरमान को भूलकर लोगों को परेशान करने का नया फार्मुला ढूंढ निकाला है।
जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 9 ओमनगर जतिया तालाब के आस पास रहने वालों को परेशान करने निगम ने नया तरीका खोज निकाला है। लोगों को भगाने के लिए निगम अमले ने जतिया तालाब का मेढ़ काट दिया। मेड़ कटते ही तालाब का गंदा पानी घरों में घुस गया। लोगों की शिकायतों को लेकर पार्षद दिनभर निगम में हाथ-पैर मारता रहा लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
यह जानते हुए भी इस समय हैजा,मलेरिया,टायफायड.डेंगू,चिकनगुनिया जैसे गंभीर बीमारियों का खतरा है। सफाई को लेकर सरकार आए दिन गला फाड़कर चिल्लाती है। लेकिन आज तो ऐसा लगा कि महापौर और निगम आयुक्त जतिया तालाब क्षेत्र के आस-पास रहने वालों को ही रोगी ही बनाना चाहते हैं। घर में तालाब का गंदा पानी घुसने से सामान्य जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कई घरों में तो चुल्हा ही नहीं जला। बच्चे स्कूल भी नहीं गए। लोग दिन भर घर का सामान उठाते और जमाते नजर आए। जबकि क्षेत्र में ना तो सफाई की व्यवस्था अच्छी है और ना ही पेयजल और पानी निस्तार की।
मारना चाहती है सरकार
वार्ड 9 के पार्षद काशी रात्रे ने बताया कि हम लोग निगम की तानाशाही से परेशान हैं। प्रशासन ने तालाब के मेढ़ को तोड़ दिया। तालाब का सारा गंदा पानी घरों में घुस गया है। समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर सरकार करना क्या चाहती है। वार्डों की मुख्य समस्या दूर तो कर कर पा रही है। ऊपर से तालाब का पानी घरों में डालकर उसे क्या मिल गया। मोहल्लेवासी दहशत में है। यदि एक दिन निगम प्रशासन घरों पर बुलडोजर चला दे कोई आश्चर्य नहीं होगा।