नई दिल्ली।डॉ. रमन सिंह शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत सम्मेलन मे शामिल हुए।सम्मेलन का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में स्वच्छता अभियान ने जन आंदोलन का रूप ले लिया है । सीएम ने कहा कि हमने संकल्प लिया है कि हम 2 अक्टूबर 2018 तक पूरे छत्तीसगढ़ राज्य को खुले में शौच से मुक्त राज्य बना देंगे।
सम्मेलन में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकया नायडू, केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, अन्य अनेक केन्द्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के शहरी विकास मंत्री अमर अग्रवाल , पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर भी शामिल हुए।
सीएम ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने खुले में शौच की सामाजिक समस्या को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर स्वच्छ भारत मिशन को एक जन आंदोलन के रूप में अपनाया। कानून में परिवर्तन किया,लोगों ने अपने स्वभाव में परिवर्तन किया और समाज ने अपनी सामाजिक मान्यताओं और संस्कारों में स्वच्छता अभियान को जगह देकर इसे एक अभूतपूर्व जनआंदोलन में परिवर्तित कर दिया।
डॉ.सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने भी इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये। पंचायत राज प्रतिनिधियों के लिए घरों में शौचालय निर्माण अनिवार्य कर दिया गया।हमने इस बात पर भी जोर दिया कि न केवल षौचालय बने बल्कि लोग उसका उपयोग भी करे। इसके लिए पहले इस्तेमाल करे फिर विष्वास करे के नारे का अपनाया गया। शौचालय निर्माण की शेष 50 प्रतिशत राशि पंचायतों को तब ही प्रदान की गयी जब इसकी पुष्टि हो गयी की लोग शौचालय का उपयोग करने लगे हैं।
साथ ही लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तर, जिला स्तर, विकासखंड और पंचायत स्तर पर स्थानीय लोगों में से नौ रत्न बनाये गये। राज्य के एक लाख 60 हजार जनप्रतिनिधियों को एक साथ संकल्प दिलाया गया। राज्य के कबीरधाम जिले में एक लाख से ज्यादा स्कूली बच्चों ने अपने अभिभावकों को घरों में शौचालय निर्माण के लिए आग्रह करते हुए पत्र लिखा।
डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हम लोग खुले में शौच मुक्त गांवों में सड़क, बिजली और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं प्राथमिकता के साथ विकसित कर रहे हैं। इन गांवों के गरीब परिवारों को उज्जवला योजना से जोड़कर उन्हें रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए जा रहे है, ताकि उन्हें धुएं के प्रदूषण से भी मुक्ति मिले।