बैगा आदिवासी विद्यार्थियों को पढ़ाएगा सीवीआरयू

Shri Mi
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IMG-20161008-WA0126बिलासपुर। डाॅ.सी.वी.रामन् अब बैगा आदिवासी विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा देकर वनांचलों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय अचानकमार टाईगर रिजर्व के छपरवा में अभ्यारणय हाई सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए कम्प्यूटर प्रदान करेगा। साथ ही वहां के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिजली के सुविधा विहीन क्षेत्र में जनरेंटर के माध्यम से विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा दी जाएगी।

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                               उक्त बातें डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने दी। वे वन क्षेत्र छपरवा के अभ्यारण हाई सेकेंडरी स्कूल में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। श्री पाण्डेय ने कहा कि वनांचल जहां न तो बिजली की सुविधा है और न ही यहां पढ़ाई के लिए वातावरण है, ऐसे में वन क्षेत्र के 20-20 किलोमीटर दूर से नदी-पहाड़ और दुर्गम रास्तें पर कर छात्र-छात्राएं पढ़ाने आते हैं। पढ़ाई के प्रति उनका हौसल अद्भूत है। ऐसे में इन विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा जरूरत तकनीक से जोड़ने की जरूरत है। श्री पाण्डेय ने बताया कि डाॅ. खैरा ने संघर्प कर विद्यार्थियों की स्कूली शिक्षा पूरी की हैं और विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के दरवाजे तक लाया है।

                                 हम विद्यार्थियों के प्रति अपने दायित्व से पीछे नहीं हटेंगे। विश्वविद्यालय स्कूल के विद्यार्थियों के लिए कम्प्यूटर उपलब्ध कराएगा। इसके साथ बिजली की व्यवस्था के लिए जनरेंटर भी दिया जाएगा। जिससे वे कम्प्यूटर का ज्ञान ले सकें। इसके साथ यहां के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में तक प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अत्याधुनिक तकनीक और वर्तमान शिक्षा को समझ सकें। इस अवसर पर विद्यालय के डारेक्टर डाॅ. प्रभुदत्त खैरा, शिक्षक सोनू सिंह मरकाम, योगेश जायसवाल, दीपक सोनी अतुल लासकर सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी और वनवासी उपस्थित थे। 

सपनों की उड़ान की ओर मेरे विद्यार्थी-डाॅ. खैरा
इस अवसर विद्यालय के संचालक डाॅ. प्रभुदत्त खैरा ने कहा कि वनांचल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव हैं,इसके बाद भी अंचल के विद्यार्थी बड़ी इच्छा शक्ति से पढ़ाई करते है। इस इच्छा शक्ति को अगर सही दिशा नहीं दी गई तो युवाओं में भटकाव आ जाएगा। डाॅ. खैरा ने बताया कि यहां बिजली नहीं है, यातायात के साधन नहीं है। बिजली के लिए शासन से कई बार निवेदन किए जाने के बाद सरकार करोड़ों रूपए की खर्च होने की बात कह कर वर्षाें से आश्वासन दे रही है। ऐसे में डाॅ.सी.रामन् विश्वविद्यालय ने बड़ी पहल की है। जनरेटर के माध्यम से विद्यार्थी कम्प्यूटर सीख सकेंगे। डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय आदिवासी कोटा ब्लाक में उच्च शिक्षा दे रहा है। सही मायने में इस पूरे अंचल के बच्चों को स्कूली और उच्च शिक्षा की जरूरत है। आज मेरे विद्यार्थी अपने सपनों की उड़ान के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्कूली शिक्षा के दौरान ही उन्हें

विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में मोहा..
इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों ने अनेक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। आदिवासी बैगा बच्चों ने एकल नृत्य और सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों ने अतिथियों को वनांचल की जानकारी से अवगत कराया और यहां की प्राकृतिक सौदर्य और विविधिता के बारे में विस्तार से बताया। बच्चों की प्रस्तुति को सभी ने सराहा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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