बिलासपुर—-छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल के 100 साल पुराने पावर हाउस चिमनी को गिराना दुर्भाग्यपूर्ण है। चिमनी के धराशायी होने पर प्रदेश कांग्रेस संभागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय ने कहा कि सरकार विरासत को संभालने में नकारा साबित हुई है। अच्छा होता कि चिमनी को संरक्षित और सुरक्षित रखा जाता।
अभय नारायण राय ने कहा कि बिलासपुर को पहली बार बिजली इसी चिमनी से मिली। तोरवा पावर हाउस का नाम बिजली पावर पैदा करने के कारण पड़ा। आज भी लोग पावर हाउस के नाम से क्षेत्र को जानते हैं। सरकार का दायित्व बनता था कि पहचान को बनाये रखने के लिए चिमनी को संरक्षित करना चाहिए था।
अभय ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने कई बार जिला प्रशासन को चिमनी को संरक्षित रखने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया था। बावजूद इसके प्रशासन ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। कुछ साल पहले चिमनी क्षतिग्रस्त होने पर बिलासपुर के वरिष्ट नागरिकों के साथ कांग्रेस पार्टी ने बिजली अधिकारियों और जिला प्रशासन से पुरातत्व विभाग को देने के लिए कहा था।
अभय ने कहा कि अचानक चिमनी को धराशायी कराना प्रशासन का तुगलकी फरमान जैसा है। उन्होने कहा कि बिलासपुर शहर की पहचान बिजली चिमनी के साथ रेलवे स्टेशन, सरकंडा का पुराना पुल गोलबाजार,केन्द्रीय जेल है। कांग्रेस नेता ने बिलासपुर के विरासत को बचाने की अपील की है। उन्होने कहा कि जिस तरह पुराना भोपाल, पुराना लखनऊ और पुरानी दिल्ली अपनी पहचान बनाये रखने में सफल है। उसी तरह पुराने बिलासपुर को भी संरक्षित करने की जरूरत है।