नई दिल्ली।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत देश में लंबित सिंचाई परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने नाबार्ड के माध्यम से प्रदान की जा रही राशि की पहली किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपये का चेक, केंन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को दिया। इस दौरान पेंडिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए गठित मंत्रिस्तरीय टास्क फोर्स के अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल मौजूद थे।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत तहत 80 हजार करोड़ रूपये की लागत से 2019 तक 99 लंबित परियोजनाओं को पूरा किया जायेगा। इस वर्ष इसके लिए 20 हजार करोड़ रूपये की राशि मिलेगी। टास्क फोर्स समिति के अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि इस योजना के माध्यम से लगभग सवा दो करोड़ एकड़ अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
अग्रवाल ने बताया कि इन परियोजनाओं में से 60 प्रतिशत परियोजनाएं सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में है।साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लंबे समय के सिंचाई निधि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक दूरदर्शी और ऐतिहासिक निर्णय है। यह देश के सूखाग्रस्त क्षेत्रों के किसानों के लिए अमृत के समान है जो उनके खेतो में पानी पहंुचाने में सफल होगी।
जल संसाधन मंत्री अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की तीन परियोजनाओं मनियारी, केलो और खारंग परियोजनाओं सहित सात अन्य परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भी दो हजार करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि लंबित सभी 99 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी भी टास्क फोर्स समिति को दी गई है।