बिलासपुर—पटाखा व्यवसायियों को दुकान लगाने के लिए टोकन दे दिया गया है। 26 अक्टूबर से मल्टीपरपज स्कूल मैदान में पटाखा बाजार सज जाएगा। बताया जा रहा है कि सामाजिक बहिष्कार के बाद भी चायनीज पटाखा की बिक्री होगी। अलग बात है कि चायनीज पटाखे में कुछ मंदी जरूर होगी। इसकी मुख्य वजह व्यापारियों ने पटाखा का आर्डर बहिष्कार के पहले ही दिया था। यदि बिक्री कम हुई तो आने वाले समय में चायनीज पटाखों का आर्डर नहीं दिया जाएगा।
मल्टीपरपज स्कूल मैदान की सफाई के बाद पटाखा व्यवसायियों ने दुकान लगाना शुरू कर दिया है। सभी व्यापारियों के बीच जगह का आवटन निगम प्रशासन ने कर दिया है। टेंट और लाइट लगने शुरू भी हो गये हैंं। जिला प्रशासन ने सभी व्यापारियोंं को 26 अक्टूबर से स्टाल लगाने को कहा है। दुकानें दीपावली तक रहेंगी। एकादशी को भी पटाखा बाजार लगेगा।
आम जनता के प्रतिक्रिया के बाद चाइनीज पटाखों पर प्रशासन ने अंकुश लगाने का प्रयास किया है। कुछ दिन पहले ही बिलासपुर के व्यवसायियों ने चायनीज पटाखे की बिक्री को लेकर बैठक की थी। निर्णय लिया गया था कि चायनीज पटाखे को बाजार में उतारने से परहेज करना चाहिए। इसके बाद जिन व्यापारियों ने पटाखा का आर्डर भेज दिया था उनके अलावा किसी ने भी चायनीज पटाखों का आर्डर नहीं दिया। जाहिर सी बात है कि इस बार पटाखा बाजार में चायनीज पटाखों की कमी रहेगी।
145 डीबी से अधिक आवाज वाले सभी पटाखों पर शासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। एक पटाखा व्यवसायी ने बताया कि प्रतिवर्ष लाइसेंस का नवीनीकरण कराया जाता है। दुकान के लिए शुल्क करना पड़ता है। शुल्क में निगम और स्कूल प्रबंधन का हिस्सा होता है। पटाखा विस्फोटक सामग्री होती है इसलिए दुकान शुरू होते ही यहां पर पानी का टैंकर की व्यवस्था प्रशासन स्तर पर किया जाता है।
एक अन्य पटाखा व्यवसायी ने बताया कि दीपावली तक उनका स्टाक खाली हो जाता है। बम्ब, चकरी, अनारदाना और फुलझड़ी की सर्वाधिक बिक्री होती है। पटाखों का आर्डर माह भर पहले दे दिया जाता है। इसलिए इस बार भी कम ही सही लेकिन चाइनीज पटाखे जरूर रहेंगे।
जिला प्रशासन ने इस बार चायनीज झालर पर बैन लगा दिया है। इलेक्ट्रानिक दुकान के संचालक ने बताया कि चाइनीज आयटम जैसे पटाखों पर शासन ने जरूर रूख कड़ा किया है लेकिन अभी तक उन्हें झालरों पर प्रतिबंध की जानकारी नहीं है। झालरों में एलईडी लगा है किसी भी सूरत में हानिकारक नहीं है। दुकानदारों ने बताया कि जब तक आयात पर ही रोक नहीं लगाया जाता तब तक चायनीज पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध संभव नहीं है।