रायपुर।राज्य शासन ने दीपावली के दौरान पटाखों से होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने जिलों में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। मंत्रालय से गुरुवार को आवास एवं पर्यावरण विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया गए है।जिसमें अधिकारियों को उच्च ध्वनि और वायु प्रदूषण उत्पन्न करने वाले पटाखों के उपयोग पर रोक लगाने को कहा गया है।अधिकारियों को उच्च ध्वनि उत्पन्न करने वाले ध्वनि यंत्रों पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने जारी निर्देशों में कहा है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पटाखे न फोड़े जाए।पटाखों को फोड़ने का समय सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित किया गया है। अतिसंवेदनशील क्षेत्रों जैसे अस्पताल, शिक्षण संस्थाएं, अदालत, धार्मिक संस्थाओं से कम से कम एक सौ मीटर दूरी तक पटाखे न फोड़े जाए।
कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को यह भी निर्देश दिए गए है कि सभी शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थीयों को ध्वनि और वायु प्रदूषण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाए और बच्चों को पटाखों के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाए। इसके लिए समय-समय पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए और बच्चों को इनमें शामिल किया जाए। ऐसे अभियान ईको क्लब के स्कूली बच्चों के माध्यम से आयोजित किए जा सकते है।
अधिकारियों को दीपावली के पूर्व और दीपावली त्यौहार के दौरान ध्वनि एवं वायु प्रदूषण का मापन कराने, निर्धारित मानकों से अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले पटाखों के उत्पादन और बिक्री को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए गए है। अधिकारियों को इस संबंध में पर्यावरण वन मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा जारी अधिसूचना एवं माननीय उच्चत्तम न्यायालय द्वारा पारित आदेश का पालन सुनिश्चित करने कहा गया है।अधिकारियों को चार मीटर की दूरी तक 125 डेसीबल या 145 डेसीबल से अधिक शोर करने वाले पटाखों को प्रतिबंधित करने तथा लड़ियों से निर्मित पटाखों में भी ध्वनि की मानक सीमा का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।