मां पूछ रही….कब आएगा राजू…लम्बा हो गया दस मिनट….?

BHASKAR MISHRA
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IMG20161101152655बिलासपुर— IMG_20161101_233140_725एक पत्रकार को सड़क पर  रेंगता कछुआ दिख जाता है…..पत्रकार रूकता है….कछुए का मनुहार करता है….दोस्तों से कहता है..इसे पोलीथीन में डालो…जंगल विभाग को देना है…लेकिन शहर के दो बिगड़े नवाबजादों को सड़क पर छः फिट का इंसान नहीं दिखाई दिया…समाज का वह इंसान जिसका दिल आम जनता के लिए ही नहीं बल्कि जानवरों और जीव जन्तुओं के लिए भी धडकता है। दोनो बिग़ड़े नवाबजादों ने दीपावली की रात एक साथ की लोगों की उम्मीदों को पहियों के नीचे रौंद दिया। अब रफ्तार के सौदागरों का कहना है कि हमने ज्यादा नहीं बस थोड़ी ही पी थी….। सड़क पर हमें कुछ भी दिखाई नहीं दिया….इसलिए हादसा हो गया..लेकिन नवाबजादों के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि आखिर घटना के बाद उन्होने गाडी को क्यों नहीं रोका…।

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                           राजू शर्मा की गिनती युवा और चहेते पत्रकारों में होती थी। साफ बोलना…कड़वा सुनना उसकी आदत सी हो गयी थी। बावजूद इसके वह अपने स्वभाव से कभी भी…कहीं भी समझौता नहीं किया। देर रात्रि ही क्यों ना हो…किसी ने बुलाया….हाजिर होना राजू की आदत थी। माता पिता और कुदुदण्ड के रहने वाले सभी के आखों तारा…राजू दो बहनों में इकलौता भाई था। रफ्तार के सौदागरों ने पत्रकार राजू की हत्या के बाद…ढाई साल की मासूम बच्ची के पिता को छीन लिया। दीपावली की रात राजू अनाथालय के बच्चों के लिए पटाका लेने सकरी चौकी जा रहा था।

                                                          IMG_20161101_154554(1)चकरभाटा टीआई ने बताया देर रात्रि राजू शर्मा का फोन आया  था।..उसने अनाथ बच्चों के लिए पटाका दिलाने की बात कही थी। उसने फोन पर बताया कि मै इस समय सकरी में हूं। राजू के दोस्तों ने भी बताया कि उस समय राजू मंगला से फोन करने के बाद सकरी के लिए रवाना हुआ। रास्ते में हम तीनों ने एक बहुत बड़ा कछुआ देखा। राजू ने अपने साथी यादव और दूसरे से कहा कि कछुआ को पकड़ो…कानन पेन्डारी के हवाले करेंगे। मोटर सायकल किनारे खड़ा कर वह कछुआ पकड़ने लगा। इसी बीच टोयोटा कम्पनी की इनोवा ने उसे जमकर ठोकर मारी। बिगड़े नवाबजादों ने राजू को आधा किलोमीटर तक घसीटा। इसके बाद दोनों गाड़ी लेकर फरार हो गये।

                      राजू के दोस्तों ने सड़क में बिखरे गाड़ी के टूटे फूटे नम्बरों को जहां तहां से इकठ्ठा किया। इसके बाद ही पुलिस को पता चला कि गाड़ी उड़ीसा की है। जांच पड़ताल के बाद मोबाइल दुकान संचालक के दो लोगों को हिरासत में लिया गया। उस समय सौरभ शर्मा ड्रायवर की बाजू वाली सीट पर जबकि स्टियरिंग पर रोहन शर्मा बैठा था।

                                          चकरभाटा थाने में बंद रोहन शर्मा ने बताया कि दोनों दीपावली पूजा के बाद सकरी गए थे। गाड़ी में शराब की बोतल थी। उसे गले के नीचे उतारा। शराब पीने के बाद घर की ओर रवाना हुए। रास्ते में हमें कुछ नहीं दिखायी दिया। यकायक कोई गाड़ी के सामने आ गया। टक्कर के बाद मालूम हुआ कि हादसा हुआ है। डर की वजह से हमने गाड़ी नहीं रोकी।

                गाड़ी चालक रोहन और सौरभ शर्मा ने बताया कि गोलबाजार और करबला में उनकी मोबाइल दुकान है। रोहन शर्मा पंजाब में बीबीए का छात्र है। जबकि सौरभ दुकान में बैठता है। यद्यपि दोनों ने नहीं बताया कि वे लोग शराब पीने सकरी ही क्यों गए ।  कयास लगाया जा रहा है कि गाड़ी में दो लड़कियां भी थीं। फिलहाल अभी जांच की बात की जा रही है।

chakarbhataफोरेंसिक एक्पर्ट का इंतजार

                           चकरभाटा टीआई राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इनोवा को बरामद कर थाने में खड़ा कर दिया गया है। फोरेंसिक एक्पर्ट का इंतजार है। इस समय वह मुंगेली गए हैं। गाड़ी के अन्दर क्या कुछ है…और क्या कुछ हुआ होगा..उसकी छानबीन की जाएगी। यदि दोनों आरोपियों के पर्स गाड़ी में हैं तो उसकी भी जानकारी फोरेसिक एक्सपर्ट के आने के बाद ही होगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। राजू शर्मा के दोनों साथियों के बयान को दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों के भी बयान लिए गए हैं।

कैण्डल मार्च

 IMG-20161101-WA0300           नगर के जागरूक और संवेदनशील समाज ने आज राजू की असामयिक मौत पर कैन्डल मार्च निकाला। राजू की आत्मा के लिए भगवान से प्रार्थना की। आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की गुहार लगाई।

पत्रकारों में दुख और न्याय की मांग

    राजू की मौत पर आज पत्रकारों ने बिलासपुर प्रेस क्लब में श्रध्दांजली दी। राजू के परिवार को हर संभव मदद का बीड़ा उठाया। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की। दो मिनट मौन रहकर मृत आत्मा के लिए शांति के भगवान से प्रार्थना की।

घर का इकलौता पुत्र

                  राजू शर्मा अपने चाचा चाची,माता पिता और ताऊ के परिवार में इकलौता बेटा था। उसके कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी थी। वह सबका ध्यान भी रखता था। मां को अभी भी दस मिनट पूरा होने को इंतजार है। क्योंकि राजू ने घर से निकलते समय कहा था कि दस मिनट बाद आता हूं। राजू की मां रह रहकर पूछती है कि आखिर राजू का दस मिनट कब पूरा होगा।

 राजू की जान से प्यारी बेटी

            IMG_20161101_233307_791    राजू को अपनी ठाई साल की बेटी से बेइंतहा प्यार था। राजू के मित्र तिवारी ने बताया कि बेटी मुझसे पूछती है कि पापा कब आएंगे। क्योंकि राजू की बेटी राजू को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ती थी। राजू भी उसके बिना नहीं रह पाता था। बेटी पिछले 24 घंटे से पूछ रही है कि पापा कब आएंगे। कभी कहती है कि पापा पटाका लेने गए हैं। जब आएँगे तो मुझे खूब सारा पटाका देंगे। मुझे खिलाएंगे भी।

रोचना लगाने का इंतजार

                   राजू दोनों बहनों के आखों का तारा था। भाईदूज के दिन दोनों को पूरा भरोसा था कि भाई रोचना लगवाने जरूर आएगा। सुरक्षा का भरोसा देगा। लेकिन उसने मां को दस मिनट का समय देकर हम लोगों से हमेशा के लिए दूर हो गया। आखिर हमने क्या गलती की थी कि हमारा भाई रोचना तक का इंतजार नहीं किया।

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