मिशन 2025 के लिए सीवीआरयू का लक्ष्य तय – कुलपति

Chief Editor
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 10ani 1 10वें स्थापना दिवस पर कुलपति ने कहा, भावी 10वर्ष की योजना तैयार

बिलासपुर। डाॅ.सी.वी.रामन् वि.वि.  3 नवंबर  को अपनी स्थापना के 10 वर्ष पूरे कर रहा है । आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थापित इस वि. वि. ने अपनी स्थापना के मूल उद्देस्यों  की पूर्ति के लिए अपनी न्यूनतम अधोसंरचना से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य प्रारंभ किया। वि. वि. ने अपनी अधोसंरचना, स्वस्थ अकादमिक वातावरण एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं का साल दर साल विकास करते हुए प्रादेशिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियां हासिल की, और प्रदेश का सबसे बड़ा तकनीकी संपन्न, आधुनिक अधोसंरचना एवं सूचना तकनीकी का उपयोग करने वाला वि. वि. बना है। सीवीआरयू राष्ट्र निर्माण में अह्म भूमिका निभाते हुए मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान कर रहा है।

उक्त बातें सीवीआरयू के 10वें स्थापना दिवस के अवसर पर  कुलपति डाॅ.आर.पी.दुबे ने कहीं। उन्होंने स्थापना के बाद से अब तक के संघर्ष और भावी योजनाओं की जानकारी दी। डाॅ.दुबे ने बताया कि सीवीआरयू की स्थापना 3 नवंबर 2006 को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा की गई। यह वि. वि. छत्तीसगढ़ राज्य का प्रथम निजी वि. वि. है, जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में उच्चशिक्षा देने का कार्य कर रहा है। इसलिए समय के साथ चुनौतियां बढ़ती गई, हमने इन चुनौतियों का सामना किया और हर परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाया। वि. वि.  4 संकाय के साथ शुरू किया गया था,10 साल पूरे होने पर 8 संकाय में कुल 29 विभाग संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें 6 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत् हैं। डाॅ.दुबे ने बताया कि सीवीआरयू ने अपने उद्देश्यों  के अनुरूप शोध के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की प्रयोगशाला,ग्रंथालय,बायोटेक पार्क की स्थापना कर गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए आवश्यक वातावरण तैयार किया। सीवीआरयू  में आधुनिक तकनीकी उपकरणों से परिपूर्ण प्रयोगशालाएं, अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब, 50 हजार से अधिक पुस्तकों एवं नेशनल – इंटरनेशनल शोध पत्रिकाओं से सुसज्जित डिजीटल सेंट्रल लायब्रेरी सहित विद्यार्थियों के लिए विशअव स्तरीय सुविधाएं हैं।

10ani 2ये हैं भावी योजनाएं-डाॅ.दुबे
डाॅ. दुबे ने बताया कि सीवीआरयू ने आगामी 10 साल की योजना तैयार की है। इसमें तेज गति से काम किया जाना है। जिसमें बायोटेक्नाॅलाजी में रिसर्च एवं डेवलमेंट के माध्यम से इसे व्यवसायिक रूप में विकसित किया जाना है। मेडिशलन प्लांट एवं गार्डन को व्यवसायिक रूप में तैयार किया जाएगा। इससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। इसी तरह रूरल टेक्नाॅलाजी विभाग शुरू किए जाने की  योजना है। डाॅ. दुबे ने बताया कि संस्कृति विभाग में नए डिप्लोमा कोर्स जल्द ही शुरू किए जाएंगें,जिससे की इन विद्यार्थियों को भी रोजगार मिल सके। योगा में शोध कार्य को बढ़ाने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।
10ani 310 वर्ष पूरे होने पर हर्ष लेकिन, चुनौतियां तैयार-कुलसचिव
इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि 10 साल पूरे होने पर सीवीआरयू परिवार का हर सदस्य खुश है, लेकिन सामने आने वाली 10 साल की चुनौतियां हमारे सामने तैयार है, इसमें सबसे इन्यूबेशन सेंटर बनाया जाना है,जिसमें हम उद्यमी तैयार करेंगे। इससे राज्य में स्वरोजगार की नए रास्ते खुलेंगे। कुलसचिव श्री पाण्डेय ने बताया कि पं. दीनदयाल कौशल केंद्र के माध्यम से केंद्र सरकार के साथ स्किल मिशन और डिजीटल इंडिया मिशन के साथ काम करना भी हमारी भविष्य की योजना में शामिल है।
प्रदेषशके 5 लाख विद्यार्थी हो रहे कौशल में दक्ष
वि. वि. अनुदान आयोग ने प्रदेश का पहला और एक मात्र पं.दीनदयाल कौशल केंद्र सीवीआरयू  में स्थापित किया है। इसके बाद इस कौशल केंद्र को छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य संसाधन केंद्र घोषित किया है। इसके माध्यम से प्रदेश के सभी वि. वि. और महाविद्यालय के 5 लाख विद्यार्थियों को कौशल विकास के पाठ्यक्रम पढ़ाए जा रहे हैं। सीवीआरयू इन शिक्षण संस्थानों के माध्यम से प्रदेश सभी विद्यार्थियों को कौशल में दक्ष कर रहा है, जो समाज की समय सापेक्ष आवश्यकताओँ को पूरा करेगा। विश्वविद्यालय अत्याधुनिक तकनीकी प्रयोगशालाओं के माध्यम से विद्यार्थियों का कौशल विकास करते हुए रोजगार एवं स्वरोजगार के लिए उन्मुख कर रहा है।
वैकल्पिक उर्जा का साधन बढ़ाए
सीवीआरयू में वैकल्पिक उर्जा के साधन जैसे बायोगैस और सोलर प्लांट का विकास किया गया है। बायोगैस की सप्लाई लैब में की जाती है। जिससे विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान भी मिलता है। इसी तरह सोलर प्लांट की बिजली से कैंपस रौशन हो रहा है। आने वाले समय में सोलर प्लांट की बिजली पास के गांव में देने की योजना है,जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा। साथ ही जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन का कार्य किया जा रहा है। जिसमें बारिश का पानी नीचे रिसाया जाता है।
दूरस्थ शिक्षा से उच्च शिक्षा में नया आयाम
वि. वि.  का दूरस्थ शिक्षा विभाग प्रदेश के ग्रामीण एवं दूरस्थ अंचलों में उच्च शिक्षा के लिए सतत् रूप से कार्य कर रहा है। वि. वि. सूचना प्रौद्यौगिकी का उपयोग करते हुए उच्च शिक्षा को आम जनों के लिए सरल एवं सुगम बना रहा है। कामकाजी लोगों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षित किया जा रहा है। कान्टेंक्ट क्लास के माध्यम से विद्यार्थियों की परेशानी को दूर कर परीक्षा ली जाती है। इससे प्रदेश के युवा बड़ी संख्या में पढ़ाई कर रहे हैं।
हमर रेडियो रामन्
सीवीआरयू में प्रदेश का पहला सामुदायिक रेडियो, रेडियो रामन् 90.4 स्थापित किया गया है। जो वनांचल लेकर ग्रामीण अंचल और शहर के घर-घर तक उच्च शिक्षा की अलख जगा रहा है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को लोककला और संस्कृति की जानकारी मिलती है। साथ ही यहां के विद्यार्थी कार्यक्रम के माध्यम से रेडियों रामन् से जुड़ते हैं। रेडियों रामन् में प्राध्यापकों के लेक्चर तैयार किया जाता है, जिसका कक्षा में प्रसारण किया जाता है।

 

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