बिलासपुर— बिलासपुर रेलवे डीविजन में रेलवे पखवाड़ा मनाया जा रहा है।इसी क्रम में आज बिलासपुर डीविजन के डीआरएम ने उस्लापुर स्थित लोको प्रशिक्षण सेन्टर का निरीक्षण किया। साथ ही उपस्थित पत्रकारों से रेल परिचालन की बारीकियों से परिचय कराया। डीआरएम ने इस दौरान सेन्टर में बायोगैस प्लांट के बारे में बताया कि हम प्रति साल यहां 16 से 20 सिलेन्डर की बचत करते हैं। पत्र वार्ता के बाद पत्रकारों से मिलकर डीआरएम देवराज पान्डया ने पौधरोपण भी किया।
बिलासपुर डीविजन में इन दिनों रेल पखवाडा मनाया जा रहा है। रोज नए-नए कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जनता से रेल स्टाफ सीधे संवाद भी कर रहा है। आज उस्लापुर स्थित लोको ट्रेनिंग सेन्टर में डीआरएम देवराज पाण्डया ने रेल परिचालन को लेकर पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कठिन प्रशिक्षण और चयन के बाद ही रेलवे ड्रायवर का चयन होता है। इसके लिए प्रतियोगी को कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है।
पत्रवार्ता के दौरान पाण्डया ने बताया कि उस्लापुर को अभी टर्मिनल बनने में समय लगेगा। इसके लिए कई चरणों से गुजरना होगा। जैसे जैसे गाड़ियों की संख्या बढ़ेगी..इसका विकास होता जाएगा। अभी हमने तय किया है कि यहां पानी और शेड की व्यवस्था रेलवे को सबसे पहले करना होगा। यहां आने वाले समय सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएँगे। उन्होंने बताया कि बल की कमी के कारण कुछ परेशानियां हो रही हैं। जल्द ही बल की कमी को पूरा किया जाएगा।
पाण्डया ने बताया कि साल के अन्त तक बिलासपुर रेलवे जोन को वाई फाई की सुविधा से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताय कि मुख्य स्टेशन की अपोजिट भी मुख्यद्वार खोला जाएगा। उस दिशा में अभी काम चल रहा है। देवराज ने पत्रकारों से बताया कि बुधवारी बाजार के विकास पर ध्यान देने का तय किया गया है। जल्द ही उस दिशा में कदम उठाया जाएगा।
ट्रेनों में घटिया भोजन को लेकर किये प्रश्न पर डीआरएम ने कहा कि हम अब खुद भोजन बनाने और वितरण का काम करेंगे। यह समस्या जल्द ही दूर कर ली जाएगी। उन्होने उस्लापुर ट्रेनिंग सेन्टर में विजिट करने के बताया कि यहां स्थापित बायो प्लान्ट से हम हर साल में लगभग 20 गैस सिलेन्डर की बचत करते हैं। अन्त में उन्होंने कहा रेलवे का प्रयास है कि पर्यावरण के अनुकूल रहते हुए विकास और समृद्ध की परिभाषा लिखे.