सीव्हीआरयू प्रदेश की पहली बी प्लस ग्रेड यूनिवर्सिटी

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cvruबिलासपुर(करगीरोड)।डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय, नेशनल एक्रिडियेशन एंड एसेसमेंट काउंसिल (नैक) से बी प्लस ग्रेड से नवाजा गया प्रदेश का पहला और एक मात्र विश्वविद्यालय बन गया है। राप्ट्रीय स्तर के मानक व गुणवत्ता के मापदंडों में खरा उतरने के बाद नैक ने डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय को बी प्लस ग्रेड ग्रेड प्रदान किया है। नैक की टीम ने अक्टूबर माह में 3 दिनों तक विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया था,इसके बाद 5 नवंबर को नैक के बैंगलोर मुख्यालय में आयोजित 18वीं स्टैडिंग कमेटी की बैठक में यह तय किया गया है।

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                                                        dubey_cvruइस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आर.पी.दुबे ने बताया कि किसी भी शिक्षण संस्थान की नैतिक जिम्मेदारी है, कि वह शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यार्थियों की सुविधा को बेहतर से बेहतर करने के लिए नैक का निरीक्षण कराए। इस नैतिकता का पालन डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय ने भी किया है। सही मायने में यह आपने आप को राप्ट्रीय स्तर पर आंकने का पैमाना है। इसके माध्यम से हम देश और समाज को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए प्रेरित होते हैं। डॉ. दुबे ने बताया कि 10 साल के नवोदित विश्वविद्यालय ने कम समय में ही नैक से निरीक्षण कराने के लिए 2015 में आवेदन कर एसएसआर जमा किया था। नैक की टीम ने 7 मापदंड तय किए थे। इसी आधार पर हमें उनके मापदंडो में खरा उतराना था। सितंबर 2016 में तय हुआ कि नैक की टीम अक्टूबर माह के 20,21 और 22 तारीख में तीन दिनों तक निरीक्षण करेगी। इसके बाद तीन दिनों तक नैक की 7 सदस्यी टीम ने विश्वविद्यालय के कोर्स कैरीकुलम,टीचिंग लर्निंग मैथर्ड, रिसर्च, ,लैब,वर्कशॉप, लायब्रेरी, विद्यार्थियों का विकास और उनकी सुविधाएं, अधोसंरचना सहित बहुत से बिंदुओं को बारिकी से जांचा,परखा और समझा।

                                                               इसके बाद टीम ने और बेहतर करने के लिए सुझाव भी दिए। इस दौरान टीम के सदस्यों द्वारा चाही गई शैक्षणिक व प्रशासनिक सभी जानकारी उनको दी गई। निरीक्षण की सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद टीम लौट गई। 5 नवंबर को नैक के बैगलोर मुख्यालय में 18वीं स्टैडिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय को बी प्लस ग्रेड का विश्वविद्यालय माना गया और इस संबंध में पत्र जारी किया गया है। डॉ. दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार और इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी लोगों के लिए खुशी बात है। विश्वविद्यालय में आईयूएसी समन्वयक डॉ.पी.के.नायक ने कहा कि नैक की ग्रेडिंग के बाद हमारे प्राध्यापक यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से असानी से प्रोजेक्ट ले सकेगें। साथ ही रिसर्च के क्षेत्रों में बेहतर काम करने के अवसर बढ़ेंगें। इस अवसर पर डॉ.ए.के.ठाकुर,डॉ.मनीष उपाध्याय,डॉ.ए.के.श्रीवास्वत,डॉ.सुरेंद्रतिवारी,डॉ. अमित शर्मा, डॉ.वेदप्रकाष मिश्रा सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों ने बधाई दी।

ग्रामीण क्षेत्र में होने के बाद भी मिला उच्च ग्रेड-कुलसचिव
cvru pandeyइस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि सी.वी.रामन विश्वविद्यालय की स्थापना छत्तीगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र करगी रोड कोटा में की गई है। जो एक अनुसूचित क्षेत्र है। विवि की स्थापना के 10 साल चुनौतीपूर्ण रहा। यहां पर उच्च शिक्षा के लिए अधोसंरचना जुटाना बेहद कठिन था। विद्यार्थियों के लिए उत्तम शेक्षणिक वातावरण एवं नवीन तकनीक की अधोसंरचना से गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने का हर संभव प्रयास किया गया।प्रशासन, प्रशासन,विद्यार्थियों, अभिभावको मीडिया, राजनीतिक दलों और समाज के सभी वर्ग के लोगों ने विवि को सदैव प्रोत्साहित किया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोप चौबे के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय की पूरी टीम ने विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ कोर्इ्र समझौता नहीं किया। भविप्य में भी उच्च स्तरीय गुणवत्ता प्रदान के लिए प्रबंधन कटिबद्ध है।

solar_cvruरेडियो,सोलर,बायोगैस को सराहा
निरीक्षण के दौरान नैक टीम ने विश्वविद्यालय के रेडियो रामन् 90.4 की तारीफ करते हुए सामुदायिक रेडियो की पहल का सराहा। साथ ही वैकल्पिक उर्जा के साधनों के उपयोग ओर इसके विस्तार की योजनाओं को देखकर टीम ने इसे बेहतर बताया। 4 जी के दो टावर को देखकर 30 किलोमीटर वनक्षेत्र में भी तकनीकी से जोड़ने इच्छाशक्ति की तारीफ की।

इस तरह बी प्लस ग्रेड का पहला विश्वविद्यालय सीवीआरयू
प्रदेश के गुरूघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय,बिलासपुर को नैक ने बी ग्रेड दिया है। इसी तरह रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर को भी बी ग्रेड दिया गया है। जबकि बिलासपुर विश्वविद्यालय को 5 साल पूरे नहीं हुए है, इस लिहाज से वे नैक के निरीक्षण के मापदंड में शामिल ही नहीं होता है, जबकि सीवीआरयू आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थापित प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है, जहां राप्ट्रीय स्तर की अधोसंरचना,लैब,लायब्रेरी,योग्य और अनुभवी प्राध्यापक सहित सभी सुविधाएं है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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