नोट की मारामारीः एटीएम में सूखा..दर-दर भटकते रहे लोग

BHASKAR MISHRA
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bank1बिलासपुर— आज भी बाजार में सन्नाटा पसरा रहा…दुकानदार मख्खी मारते नजर आए…त्योहार में ऐसा नजारा कम ही देखने को मिलता है..। बैंक के सामने आज भी मेला जैसे नजारा देखने को मिला। बैंक और एटीएम के सामने आज काम काजी महिलाओं की भी भीड़ नजर आयी। कुछ लोग नोट बदलवाने में कामयाब हुए तो कुछ लोग नोट नहीं मिलने के बाद झल्लाते हुए घर लौट गए। लोगों ने व्यवस्था पर जमकर नाराजगी जाहिर की। कई जगह तो पुलिस और जनता के बीच हाथापाई की भी नौबत भी आ गयी।

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दो दिन बाद आज एटीएम खुला लेकिन देखते ही देखते एटीएम ड्रायी हो गया। कई लोग नोट लेकर लौट तो कई लोग खाली हाथ के साथ झल्लाते घर लौट गए। इस दौरान लोगोें ने सरकार की तुगलकशाही पर जमकर भडास निकाला। नोट निकलवाने और जमा करने के चक्कर में संभाग के ज्यादातर कर्मचारी कार्यालय में कम एटीएम और बैंक के सामने नजर आए। इस दौरान ऐसी भी महिलाएं भी नजर आयी जो पति के नजरों से बचाकर इकठ्ठे किए  रूपयों को बैंक में डालने पहुंची थीं।

बाजार में पसरा सन्नाटा

उम्मीद की जा रही थी कि दो दिन बाद लोगों के जेब में पर्याप्त पैसे आ जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाजार में सामान तो पर्याप्त थे..,लेकिन खरीदने के लिे लोगों के पास पैसा नहीं था। एकादशी त्योहार के बावजूद आज बाजार में भीड़ देखने को नहीं मिली। सारी भीड़ बैंक के सामने नजर आयी। ज्यादातर दुकानदार मख्खी मारते हुए नजर आए। गोलबाजार स्थित कपड़ा दुकान के एक व्यापारी ने बताया कि दो दिन से बिक्री ही नहीं हुई। आज रस्म अदायगी के लिए दुकान खोला है। दिन से शाम हो गया लेकिन कोई भी ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंचा।

एटीएम में रूपयों का टोंटा

प्रधानमंत्री ने एलान किया था कि दो दिन बाद 11 नवम्बर से सभी एटीएम में पैसा आ जाएगा। लेकिन आज शहर के कई एटीएम के पेट मे पैसा ही नहीं था। मंगला,मोपका,पुराना बस स्टैण्ड,गांधी चौक के पास एटीएम में पैसे ही नहीं थे। जिसे लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला।

बुजुर्गों ने कहा तुगलकशाहीCURRENCY

स्टेट बैंक कलेक्टर ब्रांच में लोगों की जमकर भीड़ देखने को मिली। इतनी ही भीड़ एटीएम में दिखाई थी। अस्सी साल के एक बुजुर्ग ने बताया कि मैने अपने जीवन के किताब में पहली बार तुगलकशाही को देखा है। प्रधानमंत्री हमें आग की भठ्ठी में झोंककर जापान दौरे पर चले गए हैं। मोदी आम आदमी होने का दावा करते हैं हाल फिलहाल तुगलकी फरमान के बाद ऐसा कुछ दिखाई नहीं देता है। मोदी को यदि आम आदमी के दर्द का अहसास होता तो आज बुजुर्ग को भीड़ की ठोकर खानी नहीं पड़ती।

आखिर क्या करें कर्मचारी

बैंक खुलने और बंद होने का समय आम सरकारी कार्यालयों की ही तरह है। शहर के ज्यादातर कर्मचारी आज बैंक के सामने नोट लेकर खड़े मिले। एक कर्मचारी ने बताया कि गया तो था नोट बदलवाने लेकिन एटीएम ही खाली हो गया। खाली हाथ लौटना पड़ा है। उन्होेंने बताया कि समस्या इस बात को लेकर है कि हम नोट बदले या अपना काम देंखें…क्योंकि बैंक और कमोबेश सभी कार्यालयों का खुलने और बंद होने का समय एक ही है।

व्यवस्था के नाम–जबरदस्त अव्यवस्था

नोट बदलने और जमा करने के दौरान कमोबेश सभी बैंकों में अव्यवस्था का माहौप देखने को मिला। किसी भी बैंक मेंं महिलाऔ.सिनीयर सिटिजन के लिए अलग से काउंटर नहीं खोला गया। भी़ड़ में महिलाएं कई बार लूट का शिकार होते बचीं। कई लोगों ने जानबूझर छेड़छाड़ किया।

गुप्त बैंक का खुलासा

महिलाएं, ‘गुपचुप’ तरीके से किए गए सेविंग्स को बैंक अकाउंट में डालने गयीं। महिलाओं ने बताया कि घर के कामों से बचे पैसे को छोटी-छोटी बचत के रूप में इकट्टा करती हैं। जो गाहे बगाहे मुसीबत में परिवार के काम आती हैं। मोदी सरकार के एक फ़ैसले ने महिलाओं को मुसीबत में डाल दिया। कतियापारा की एक महिला ने बताया कि पिछले 8 साल से पति से छुपाकर पैसे जमा कर रही थीं। पति सरकारी विभाग में भृत्य का काम करते है।पति अब नाराज हैं..कहते हैं कि अब 25 हजार रूपए लेकर कहां-कहां चक्कर लगाए।

पुराना बस स्टैण्ड स्थित स्टेट बैंक शाखा में रूपए जमा करने पहुंची एक महिला ने बताया कि पति को उनकी बचत के बारे में अभी तक पता नहीं था। मैंने कभी भी पति को गुप्त सेविंग्स के बारे में नहीं बताया। डर था कि पता चलते सब पैसे खर्च हो जाएंगे। लेकिन अब सब कुछ आम हो चुका है।

अधिवक्ता और थाना प्रभारी में गाली गलौच

मोपका स्थित स्टेट बैंक शाखा में अव्यवस्था को बनाते थानेदार और अधिवक्ता में जमकर गाली गलौच हुई। अधिवक्ता उस समय लाइन में ही खड़ा था। धक्का मुक्की के दौरान जमीन पर गिर पड़े बुजुर्ग को बचाने गए अधिवक्ता को थानेदार ने अ्श्लील गाली दी। जान से मारने की धमकी भी दी।

 

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