बिलासपुर—गौरवपथ निर्माण में शामिल इंजीनियरों ने निगम आयुक्त कार्यालय को जवाब पेश कर दिया है। देर शाम तक लिफापा नहीं खोला गया है। आयुक्त के अनुसार मामले में निगम अपने स्तर पर भी जांच कर रही है। जांच के बाद संतोषप्रद जवाब नहीं पाए जाने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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महाराणा प्रताप चौक से मंगला चौक के बीच गौरवपथ निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत पर हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई में निगम और शासन को फटकार लाई थी। दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया। नगर निगम ने खानापूर्ति कर गौरव पथ निर्माण में शामिल दो कनिष्ठ इंजीनियरों को निलंबित कर दिया।
मामले में निगम ने बिलासपुर में पदस्थ अभियंता यूजिन तिर्की, पंकज कुमार पंचायती, सुरेश शर्मा, गोपाल ठाकुर को भी नोटिस थमाया गया। नगर पालिक निगम दुर्ग अभियंता मोहनपुरी गोस्वामी के साथ भी जवाब तलब किया गया। सभी ने निगम आयुक्त को अपना जवाब दे दिया है। इंजीनियरों के जवाब को अभी लिफाफा से बाहर नहीं लाया गया।
अपर आयुक्त राकेश जायसवाल ने बताया कि जवाब सेक्शन तक नहीं पहुंचा हैं। इंजीनियरों के जवाब को देखा जाएगा इसके बाद ही उचित कार्रवाई होगी।
निगम आयुक्त सौमिल रंजन चौबे ने बताया कि मामले में आंतरिक जांच चल रही है। अभी तक किसी ने मुझ तक जवाब नहीं पहुंचाया है। आंतरिक रिपोर्ट के बाद ही किसी प्रकार की कार्रवाई होगी। चौबे ने बताया कि अधीक्षण अभियंता भागीरथी वर्मा अभी बाहर है।
मालूम हो कि उच्च न्यायालय आदेश के बाद प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन लोक निर्माण विभाग की अध्यक्षता में जाँच समिति ने गौरव पथ मामले में प्रथम दृष्ट्या निगम अभियंता यूजिन तिर्की, पंकज कुमार पंचायती, सुरेश शर्मा, गोपाल ठाकुर, मोहनपुरी गोस्वामी,आर. के.साहू श्याम मनोहर उज्जैनी और ललित त्रिवेदी को दोषी पाया था।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य शासन ने अधिकारियों पर उचित कार्रवाई और जांच का निर्देश दिया। दोषी व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करने को कहा था। लेकिन नगर निगम ने अधिकारियों को नोटिस ही जारी कर अपना पल्ला झाड़ लिया। दबाव के बाद अब अधिकारियों ने बंद लिफाफे में जवाब पेश किया है।
मामले में नगर निगम ने साईं कंस्ट्रक्शन,अग्रवाल बिल्डकॉन को ब्लैक लिस्ट में डालने शासन को पत्र लिखा। लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है।