हड़ताल:290 राइस मिलर्स ब्लैक लिस्टेड

Shri Mi
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mantralay_rprरायपुर।राज्य सरकार ने हड़ताली राईस मिलरों के खिलाफ आज से कार्रवाई शुरू कर दी है। कस्टम मिलिंग में सहयोग नहीं करने वाले 290 मिलरों को इस कार्य से ब्लेक लिस्ट करने की कार्रवाई की गई है।
प्रभारी मुख्य सचिव एन.के. असवाल और खाद्य विभाग की सचिव ऋचा शर्मा ने मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी जिला कलेक्टरों की बैठक लेकर धान खरीदी और कस्टम मिलिंग के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न जिलों में हड़ताली राईस मिलरों के खिलाफ कलेक्टरों द्वारा की जा रही कार्रवाई की भी जानकारी ली।

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                                     बैठक में बताया गया कि राज्य की एक हजार 333 सहकारी समितियों के 1988 उपार्जन केन्द्रों में 15 नवम्बर से धान खरीदी शुरू हो गई है। राईस मिलर्स एसोसिएशन की मांगों पर राज्य शासन द्वारा विचार किया गया है। इसके बावजूद कुछ मिलरों द्वारा शासकीय धान की कस्टम मिलिंग में रूचि नहीं ली जा रही है। ऐसे मिलरों के खिलाफ आज से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 और छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग उपार्जन आदेश 2016 के तहत राज्य शासन द्वारा कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
प्रभारी मुख्य सचिव श्री असवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला कलेक्टरों से कहा कि कस्टम मिलिंग में रूचि नहीं लेने वाले मिलरों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए। बैठक में बताया गया कि इस खरीफ सीजन में अब तक 27 मिलर्स के विरूद्ध छापे एवं सीलबंद करने की कार्रवाई की गई है। यह जानकारी भी दी गई कि 290 मिलरों को कस्टम मिलिंग कार्य से ब्लेक लिस्ट करने की कार्रवाई की गई है।  मुंगेली जिले में दस राईस मिलों, रायगढ़ और राजनांदगांव जिले में छह-छह राईस मिलों, उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले में तीन राईस मिलों, बस्तर एवं कोण्डागांव जिले में एक-एक राईस मिलों को सीलबंद किया गया है। इसी तरह कोरबा जिले में 38 राईस मिल, बालोद जिले में 30 राईस मिल, धमतरी जिले में 68 राईस मिल तथा रायपुर जिले में 124 राईस मिलों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैक लिस्ट किया गया है।

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By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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