रायपुर।विमुद्रीकरण के बाद केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय तलाश रही है ताकि लोग पैसे का आसानी से लेन-देन कर सके।रायपुर कलेक्टर ओ.पी.चौधरी ने यू.पी.आई. मोबाईल ऐप्स के बारे में जिला कलेक्टोरेट के रेडक्रास सभाकक्ष में कार्यशाला हुई। जिसमें चैम्बर्स ऑफ कामर्स, इण्डस्ट्री तथा बैंक के प्रतिनिधि उपस्थित थे।कार्यशाला में कलेक्टर ने बताया कि कैशलेस ट्रांजेेक्शन के अन्य माध्यमों से सस्ता और सरल माध्यम यूनीफाईड पेमेंट इंटरफेस (यू.पी.आई.) मोबाईल ऐप्स है। जिसे नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया (एनसीपीआई) द्वारा बनाया गया है। इससे एनईएफटी, आरटीजीएस की तरह ही एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते मंे आसानी से राशि हस्तांतरित की जा सकती है। यह विशेष रूप एन्रायड मोबाईल फोन के लिए बनाया गया है।
इससे आप बिना डेबिड कार्ड के वो सभी काम कर सकते है जो डेबिट कार्ड करता है। बहुत से बैंकों ने अपने ऐप बना लिए है। कोई भी यूपीआई ऐप्स के जरिए सभी बैंकों के खातों से लेन-देन किया जा सकता है। मौजूदा मोबाईल ऐप्स और इंटरनेट बैंकिग के जरिए रकम ट्रांसफर के लिए आईएफएससी कोड की आवश्यकता होती है लेकिन यूपीआई में बिना इसके राशि ट्रांसफर की जा सकती है। इसमें ट्रांजेक्शन शुल्क भी बहुत ही कम 0.01 प्रतिशत है।
कार्यशाला में जिला सूचना अधिकारी पी.के.मिश्रा ने यूपीआई ऐप्स के बारे में बताया कि यूपीआई का उपयोग करना बेहद ही आसान है। इसके लिए सबसे पहले प्ले स्टोर से कोई भी यूपीआई ऐप डाउनलोड करें। इसके बाद एप्लिकेशन खोले और खाता पंजीकरण करें। बैंक का नाम जहां आपका बैंक खाता है को चुने। अपना मोबाईल नंबर बैंक खाते से लिंक करें। खाता पंजीकरण के दौरान वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) और एम-पिन बनाने के लिए पूछा जाएगा।
वीपीए ई-मेल पते की तरह ही होता है जिसे आप राशि लेन-देन के लिए दूसरे को बताऐंगे। इसे दूूकानदारांे को अपने दुकान के सामने प्रदर्शित भी करने को कहा गया जिससे लोग उसमें राशि हस्तांतरित कर सके। एम-पिन पासवर्ड की तरह होता है जिसे गोपनीय रखा जाता है। इस ऐप्स के जरिए एक मिनट से कम समय में राशि ट्रांसफर की जा सकती है।
नगर निगम आयुक्त रजत बंसल ने कहा कि इस ऐप्स का उपयोग अधिक से अधिक लोग कर सके। इसके लिए हायर सेकेण्डरी स्कूल और कॉलेजों में कार्यशाला आयोजित कर इसकी जानकारी भी प्रदान की जाएगी।