बिलासपुर—सीएमडी में आज पुलिस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में आलाधिकारियों ने दुख जाहिर करते हुए कहा कि जांच में थोड़ी सी चूक से साफ बच निकलता है। इसलिए पुलिस अधिकारियों को अपराध विवेचना के समय सतर्कता के साथ संजीदा रहना बहुत जरूरी है। एक दिवसीय पुलिस कार्यशाला में आलाधिकारियों ने पुलिस विभाग की जांच में कसावट लाने के गुर सिखाए। राजपत्रिक अधिकारियो को नये कानून की जानकारी भी दी। इस दौरान अपराधियों तक पहुंचने और ज्यादा से ज्यादा सजा सजा दिलाने को लेकर विचार मंथन भी किया गया।
पुलिस के आलाधिकारियों ने उपस्थित लोगों को साइबर अपराध के बारे में भी जानकारी दी। उन्होने बताया कि साइबर क्राइम की शुरूआत स्किमर मशीन से शुरू होता है। अपराध से जुड़े लोग एटीएम और डेबिट कार्ड के काली पट्टी के नीचे छिपे डेटा को पढ़कर कार्ड का क्लोन तैयार करते हैं। बाद में क्लोन कार्ड से देखते ही देखते अकाउन्ट खाली कर देते हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कैशलेश भुगतान के समय सावधानी रखने की बहुत जरूरत है।
कार्य़शाला में शामिल डीजीएम डब्लू अंसारी कहा कि आरोपियो को ज्यादा और कारगर सजा मिले इसके लिए कानून में कुछ बदलाव किये गये है। जांच के दौरान होने वाली लापरवाही और आने वाली परेशानियों को लेकर ही कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस दौरान अंसारी ने अपराध से संबधित परिवर्तित नियमों की भी जानकारी अधिकारियों को दी।कार्यशाला में उपस्थित अधिकारी और अधिवक्ताओ के अलावा कोचिंग संस्थानों के संचालकों ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में आईजी विवेकानंद सिन्हा, पुलिस कप्तान मंयक श्रीवास्तव, एडिश्नल एसी ग्रामीण अर्चना झा, डीएसपी मधुलिका सिंह समेत राजपत्रिक अधिकारी और अधिवक्तागण के अलावा शहर के विभिन्न कोचिंग संस्थानो के संचालक भी मौजूद थे।