केन्द्र सरकार ने किया जनता को ब्लैक मेल–दुर्गेश

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170104-WA0162बिलासपुर— कांग्रेस के राष्ट्रीय नोटबंदी समन्वय समिति के सदस्य दुर्गेश पटेल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी अभियान से कालाधन बाहर निकालने का वादा किया था। कालाधन तो नहीं आया..हां..भारतीय अर्थव्यवस्था 20 साल पीछे जरूर चली गयी है। बेरोजगार युवक अब दर दर भटक रहे हैं। पचास दिनों तक देश में आर्थिक आपातकाल लगाया गया। कमोबेश अब भी वही स्थिति है। प्रधानमंत्री ने ऐसा कर ना केवल देश का अपमान किया है बल्कि चंद पूंजीपतियों को फायदा भी पहुंचाया है।

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                                पत्रकारों से सवालों का जवाब देते हुए दुर्गेश पटेल ने बताया कि राहुल गांधी के निर्देश पर पूरे देश में 6 जनवरी को नोटबंदी के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय का घेरवा किया जाएगा। राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को नोटबंदी से होने वाली परेशानियों को लेकर पत्र दिया जाएगा। दुर्गेश ने बताया कि जनता को उम्मीद थी कि नोटबंदी के खिलाफ कालाधन बाहर आएगा…। आतंकवादी घटनाओं पर अंकुश लगेगा…। जनता ने उसी उम्मीद पर नोटबंदी अभियान के बीच भाजपा को वोट देकर निकाय चुनाव में जिताया। लेकिन अब वही जनता मायूस है। पश्चाताप के आग में जल रही है।

                किसकों बोलने नहीं दिया जा रहा है राहुल को या प्रधानमंत्री को….। दुर्गेश ने बताया कि मीडिया से लेकर भाजपा के बड़े नेता राहुल गांधी का मजाक उड़ा रहे हैं। राहुल गांधी देश की राष्ट्रीय पार्टी के बड़े और सम्मानीय नेता हैं। उनका उपहास उड़ाना भाजपा के नेता बंद करे। मीडिया उनके आरोपों को गंभीरता से ले। उन्होने जो भी प्रश्न किया है उसका जवाब भाजपा को देना चाहिए। लेकिन नहीं दिया जा रहा है। उल्टा राहुल गांधी का उपहास उड़ाया जा रहा है। डायरी में प्रधानमंत्री का नाम होना कोई मामूली बात नहीं है।

                          कांग्रेस में गुटबाजी है…क्या कलेक्टर कार्यालय का घेराव संभव है…दुर्गेश ने बताया कि आपको 6 जनवरी को दिख जाएगा। उन्होने कहा कि   कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है। स्वस्थ्य परंपरा के लिए ऐसा होना भी चाहिए। लेकिन मनभेद तक स्थिति नहीं पहुंचनी चाहिए। दुर्गेश ने बताया कि जनता हाहाकार कर रही है। भाजपा सरकार बताए नोटबंदी से लेकर अभी तक कितने किसानों को ऋण दिया गया। जब जनता अपना ही रूपया निकाल नहीं पा रही है ऐसे में ऋण देने का सवाल ही नहीं उठता है। सरकार के पास जब नोट ही नहीं है तो रूपए देगी कहां से।

                                   नोटबंदी अभियान के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत हुई है। बावजूद इसके केन्द्र सरकार पीड़ित परिवारों के लिए अभी तक राहत की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। कैशलेस अभियान केवल ढकोसला है। दरअसल नोटबंदी के बाद लोगों का ध्यान हटाने के लिए कैशलेस अभियान चलाया जा रहा है। जब रूपए है ही नहीं तो अपनी साख बचाने के लिए हवा हवाई भुगतान का सहारा लिया जा रहा है।

                दुर्गेश ने बताया कि 6 जनवरी को कांग्रेस के सभी विंग एक होकर पहले धरना प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को पत्र देंगे। 9 जनवरी को देश के सभी जिला कार्यालय के सामने महिला मोर्चा कार्यकर्ता थाली बजाओ प्रदर्शन करेंगी। क्योंकि नोटबंदी अभियान ने थाली से भोजन छीन लिया है।

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