कद छोटा लेकिन महान नेता थे शास्त्री..जफर अली

BHASKAR MISHRA
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200px-Lal-Bahadur-Shastriबिलासपुर— स्वतन्त्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को जयंती के मौके पर जिला कार्यालय में कांग्रेस नेता याद करेंगे। कार्यक्रम संजोयक सैयद जफर अली ने बताया कि लालबहादुर शास्त्री सही मायनों गुदड़ी के लाल थे। छोटा कद, दृढ इच्छाशक्ति, सरल सहज  व्यक्तित्व के धनी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय  लाल बहादुर शास्त्री देश के आन बान शान थे।
             जफर अली ने बताया कि कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के सभी नेता बुधवार को शास्त्री के 52 वीं पुण्य तिथि पर सुबह 10 बजे विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे। लाल बहादुर शास्त्री स्कुल के जीवन पर प्रकाश डालेंगे। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री की तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रध्दांजली देंगे।
                                जफर अली ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में शास्त्री जैसे नेता कल्पनातीत हो गए है। उनकी ईमानदारी सत्यनिष्ठा देशप्रेम सहजता सरलता और जनता के प्रति जवाबदेही आज भी प्रासंगिक है। सामान्य शिक्षक परिवार में जन्म लेकर उन्होने अपने इन्ही गुणों के बादौलत विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बने। शास्त्री को कुशाग्रता को देखते हुए काशी विश्वविद्यालय ने शास्त्री की उपाधि दिया।
              लालबहादुर शास्त्री भाई बहनों में सबसे छोटे थे। इसलिए उन्हे घर में नन्हें कहा जाता था। महात्मा गाँधी और नेहरु प्रभावित होकर स्वतंत्रा संग्राम में ना केवल कूदे बल्कि अपना सार जीवन देश को न्योछावर कर दिया। पंडित नेहरु के बाद उन्हें देश का वागडोर दिया गया। 1965 में पाकिस्तान के अचानक आक्रमण को शास्त्री जी ने ही मुंह तोड़ जवाब दिया।
                    शास्त्री का दिल किसानों में बसता था। भारत पाक युद्ध के दौरान उन्होने जय जवान–जय किसान का नारा दिया। सेना और किसानो का मनोबल बढाया। 11 जनवरी 1966 में रूस की मध्यस्थता में पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान और लाल बहादुर शास्त्री के बीच ताशकंद  समझौता हुआ। ठीक उसी रात को हार्ट अटैक में लालबहादुर शास्त्री हमें अकेला छोड़कर चले गए। शास्त्री की समाधि दिल्ली में विजय घाट के नाम से स्थापित है।
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