बिलासपुर— नगर निगम ने जतिया तालाब के पार की मंदिर को तोड़ दिया है। वार्ड के लोगों में भयंकर आक्रोश है। आक्रोश को देखते हुए जरहाभाठा में मंत्री के कार्यक्रम को निरस्त कर दिया गया। लोगों ने जतिया तालाब में चल रहे निगम के कार्यों को भी बंद कर दिया है।
जरहाभाठा स्थित जतिया तालाब में सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। तालाब का गहरीकरण किया जा रहा है। तालाब के चारो तरफ सड़क़ निर्माण का भी काम चल रहा है। निर्माणकार्य के दौरान तालाब के मेंड पर स्थित भगवान शंकर और दुर्गा मंदिर को तड़के किसी ने तोड़ दिया। मंदिर को देखने के बाद वार्डवासी तालाब के पास एकत्र हो गए और निगम के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
स्थानीय लोगों के नाराजगी को देखते हुए जिला प्रशासन ने निकाय मंत्री के कार्यक्रम को निरस्त कर दिया। मालूम हो कि आज निकाय मंत्री अमर अग्रवाल को जरहाभाठा शिवनाथ मार्ग स्थित भगवान शिव मंदिर परिसर में सूर्यवंशी समाज के सामुदायिक भवन के नवनिर्मित रसोई घर का लोकार्पण करना था।
लोगों के विरोध और आक्रोश को देखते हुए वार्ड पार्षदपति अनुज टंडन, रमेश जायसवाल और काशी रात्रे भी मौके पहुंचे । तीनों ने पहले लोगों को समझाने का प्रयास किया। बाद तीनों ने आक्रोशित लोगों के साथ प्रशासन से मंदिर बनाने की मांग की। जानकारी मिलते ही पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गयी।
बिना सूचना मंदिर तोड़े जाने से नाराज स्थानीय महिलाओं ने मंत्री अमर अग्रवाल से शिकायत करने राजेन्द्र नगर स्थित निवास पहुंची। लेकिन मंत्री से मुलाकात नहीं पायी। जानकारी के अनुसार निकाय मंत्री किसी कार्यक्रम में शामिल होने निकल चुके थे। बहरहाल घटना के बाद जतिया तालाब सौंदर्यीकरण का काम बंद हो गया है। लोगों ने कहा कि जब तक मंदिर का निर्माण नही हो जाता तालाब सौंदर्यीकरण का काम नहीं होने दिया जाएगा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि 1973 में सूर्यवंशी समाज के लोगों ने मंदिर की स्थापना की थी। यहां सभी धर्मों के लोग पूजा पाठ करने आते हैं। नवरात्रि में मनोकामना ज्योत जलायी जाती है। लेकिन रात के अंधेरे में निगम प्रशासन ने मंदिर तोड़ दिया। जबकि मंदिर निर्माण कार्य के जद में नही था।