रायपुर।केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह से मंगलवार को इस्पात उद्योग के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की।इस्पात उद्योग की कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने उन्हें अपनी समस्याओं और सुझावों से अवगत कराया।इस मौके पर केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस्पात प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से जुड़ा है।इस्पात की मांग हमेशा बनी रहती है क्योंकि निर्माण कार्य इस्पात के उपयोग के बिना संभव ही नहीं है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप भी इस्पात से अछूते नहीं हैं। इस्पात उद्योग में मेक इन इंडिया की काफी संभावनाएं हैं। इस्पात उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस समय पॉवर टैरिफ बहुत ज्यादा है। जिसे कम करने की जरूरत है। इस्पात उद्योग के लिए कच्चे माल की लगातार उपलब्धता बहुत आवश्यक है।
प्रतिनिधियों ने कहा कि इस्पात की मांग बहुत कम है जिससे इस्पात उद्योग पर विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि नए उद्योग लगाने में पर्यावरण से संबन्धित समस्याओं के कारण उद्योग लगाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जिससे ऐसी नीति बनाई जाए कि पर्यावरण को भी नुकसान न हो और उद्योग भी आसानी से लगाए जा सकें।उन्होंने कहा कि इस्पात उद्योगों को सरकार बिजली पर सब्सिडी देती है जो 2017 में समाप्त हो रही है।उन्होंने सरकार से सब्सिडी आगे भी जारी रखने की मांग की।