गरीबी पर भारी अफसरशाही..जनदर्शन से निराश लौटी युवती

BHASKAR MISHRA
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IMG20170130123830बिलासपुर— जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए जीडीसी की छात्रा चार साल से कलेक्टर कार्यालय का चक्कर काट रही है। आज जनदर्शन में भी अपमानित होना पड़ा। अधिकारियों ने डांट फटकार कर ईश्वरी को मंथन से बाहर कर दिया। टेंगनमा़ड़ा निवासी जीडीसी की छात्रा ने बताया कि समझ में नहीं आ रहा है कि अब मैं क्या करूं। अब महसूस होने लगा है कि मजदूर और गरीब की बेटी होना अपराध है।

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                 पिताजी ने भाई बहनों को किसी तरह पाल पोषकर बड़ा किया। आज मैं अपनी पहचान के लिए दर दर भटक रही हूं। पिताजी के पास जमीन नहीं है..जिसके चलते मुझे निवास और जाति प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। अधिकारियों ने जनगणना सूची और सरपंच सचिव के दस्तावेज को मानने से इंकार कर दिया है।  ईश्वरी सारथी ने बताया कि कक्षा बारहवीं कक्षा से निवास और जाति के लिए पंचायत और कलेक्टर कार्यालय का चक्कर काट रही है। इस समय जीड़ीसी में एमए इंगलिश की छात्रा हूं। लेकिन अभी तक ना तो जाति प्रमाण पत्र बना है और ना ही निवास प्रमाण पत्र…। ज जनदर्शन में फरियाद लेकर गयी तो अधिकारियों ने डांटकर भगा दिया ।

                  ईश्वरी  ने बताया कि उसके पिता का नाम मनसाय सारथी और माता का नाम उर्मिला बाई है। गांव का नाम डा़डबछाली टेंगनमाडा़ है। कोटा पंचायत के अन्तर्गत आता है। जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए चार साल से कलेक्टर और एसडीएम कार्यालय का चक्कर काट रही हू। आज तक कोई भी प्रमाण पत्र नहीं बना है। प्रमाण पत्र नहीं होने से पैरामेडिकल कालेज में प्रवेश नहीं मिला। गनियारी में नर्सिंग करने का अवसर मिला लेकिन प्रमाण पत्र नहीं था। मेरे माता पिता बहुत गरीब हैं। मैं उनका सहारा बनना चाहती हूं।

                             ईश्वरी सारथी ने बताया कि आज जनदर्शन में स्थायी निवास और जाति प्रमाण पत्र बनवाने आयी। मैने अधिकारियों को शैक्षणिक योग्यता, ग्राम पंचायत का अनुमोदन पत्र और अस्थायी निवास प्रमाण पत्र दिखाया । अधिकारियों ने हर बार की तरह इस बार भी दस्तावेज को मानने से इंकार कर दिया। युवती ने बताया कि मैने एडीएम केडी कुंजाम और एसडीएम राजेन्द्र गुप्ता को बताया कि उसके पास अस्थायी जाति प्रमाण पत्र भी है। स्थायी के लिए चार साल से भटक रही हूं। कोटा एसडीएम कोर्ट में भी स्थायी प्रमाण पत्र के लिए अपील कर चुकी है। मिशल नही होने के कारण उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया है।COLLECTORATE

          मेरी फरियाद को नहीं सुनते हुए अधिकारियों ने फटकार लगाते हुए कहा कि एसडीएम कोटा ही प्रमाण पत्र बनाएंगे। इसके बाद अधिकारियों ने डांटकर बाहर निकाल दिया। अधिकारियों ने कहा कि कोटा एसडीएम को मामले में सूचित कर दिया जाएगा।

                     ईश्वरी सारथी के अनुसार जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पिछले चार साल से पंचायत से लेकर कलेक्टर कार्यालय का लगातार चक्कर काट रही है। चार बार कलेक्टर से गुहार लगा चुकी है। इतने ही बार एसडीएम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटायी। हर बार मिशल नही के कारण आवेदन पत्र को निरस्त कर दिया गया। मैने आज अधिकारियों को बताया कि मेरे पिता, दादा परदादा भूमिहीन हैं। मिशल कहां से लाऊं। लेकिन किसी ने मेरी परेशानी को नहीं सुना। अब समझ में नहीं आ रहा है कि मैं मिशल कहां से लाउं। मेरे हाथ से सारे अवसर निकलते जा रहे हैं। मैं बहुत परेशान हूं। ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती जिससे माता पिता को परेशानी हो।

                         युवती ने बताया कि उसका परिवार 1950 से टेंगनमाड़ा का निवासी हैं। युवती के अनुसार परिवार का कोई भी सदस्य शिक्षित नही है। एक बहन थोड़ी बहुत पढ़ी लिखी है..लेकिन उसकी शादी हो गयी। उसे प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं पड़ी। भाई अभी छोटा है स्कूल जाता है। लेकिन जब मेरा ही प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है तो उसका कैसे बनेगा।

                        मालूम हो कि कुछ माह ऐसा ही एक मामला तखतपुर की एक युवती के साथ देखने को मिला था। अफसरशाही के चलते युवती की जाति और निवास प्रमाण पत्र नहीं बना। जबकि तखतपुर निवासी युवती का चयन सीआरपीएफ में हुआ था। रिकार्ड नहीं होने से प्रमाण पत्र नहीं बन सका। आखिर में उसके हाथ से नौकरी चली गयी।

   ग्राम पंचायत का अनुमोदन           

                       बिलासपुर एसडीएम नूतन कंवर ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र के लिए निर्धारित दस्तावेज यदि नहीं हो तो ग्राम पंचायत अनुमोदन के बाद किसी का भी निवास और जाति प्रमाण पत्र बनया जा सकता है। प्रमाण पत्र जारी करने के पूर्व अनुमोदन का परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में समय लग सकता है। अनुमोदन में गांव की कुल आबादी का 10 प्रतिशत लोगों के हस्ताक्षर जरूरी है। हस्ताक्षर करने वालों में महिला और पुरूष दोनों का शामिल होना अनिवार्य है। निरीक्षण में ग्राम पंचायत के अनुमोदन को यदि सही पाया जाता है तो प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है।

 

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