ईकोनॉमिक सर्वे मे छत्तीसगढ़ पीडीएस की तारीफ

Shri Mi
4 Min Read

raman_band♦2015-16 छत्तीसगढ़ मे सबसे कम सिर्फ तीन प्रतिशत बेरोजगारी
रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अगुवाई में छत्तीसगढ़ सरकार ने पीडीएस सहित आम जनता की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर बेहतरीन प्रदर्शन किया है।केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय आर्थिक सर्वेक्षण में पीडीएस सहित बैंकिंग सेवाओं के मामले में भी छत्तीसगढ़ की तारीफ की गई है।केन्द्रीय बजट के एक दिन पहले संसद में पेश किए गए वर्ष 2016-17 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ और बिहार में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार हुआ है। वहीं छत्तीसगढ़ देश के उन दो राज्यों में से एक है,जहां नागरिकों को अपने आस-पास ही बैंकिंग सेवाएं मिल रही हैं।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                                                    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकारी रिकार्ड के अनुसार देश भर में 26 करोड़ 50 लाख जन-धन खाते (जनसंख्या का 21 प्रतिशत) हैं। इन खातों की प्रति व्यक्ति सघनता छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा है।बताया गया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत छत्तीसगढ़ में अब तक एक करोड़ से ज्यादा खाते खुल चुके हैं। केन्द्र के आर्थिक सर्वेक्षण में श्रम ब्यूरो की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए छत्तीसगढ़ को देश के प्रथम तीन सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्य के रूप में भी चिन्हांकित किया गया है। गुजरात और कर्नाटक के बाद छत्तीसगढ़ देश का तीसरा राज्य है, जहां वर्ष 2015-16 की स्थिति में सबसे कम (सिर्फ तीन प्रतिशत) बेरोजगारी पाई गई है। केन्द्रीय आर्थिक सर्वेक्षण में इसे ग्राफिक में भी दर्शाया गया है।

                                               खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को केन्द्र के आर्थिक सर्वेक्षण में तारीफ मिलने के साथ-साथ हाल के वर्षों में कई बार समय-समय पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिली है। यह देश का पहला राज्य है जिसने विधानसभा में कानून बनवाकर अपने प्रदेश के गरीब परिवारों को भोजन का अधिकार दिलाया है।

                                                   इसके लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा में खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून 2012 पारित किया गया है। इस कानून के तहत वर्तमान में 58 लाख से ज्यादा परिवारों को हर महीने राशन कार्ड पर प्रति यूनिट सिर्फ एक रूपए में सात किलो चावल दिया जा रहा है।इतना ही नहीं बल्कि पीडीएस की उचित मूल्य दुकानों से प्रत्येक गरीब परिवार को सामान्य क्षेत्रों में एक किलो और आदिवासी बहुल (अनुसूचित) क्षेत्रों में दो किलो आयोडिन नमक निःशुल्क मिल रहा है। इसके अलावा प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में राशनकार्ड धारक प्रत्येक गरीब परिवार को सिर्फ पांच रूपए किलो में दो किलो चना भी दिया जा रहा है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close