जरूरी नहीं..पीएम का लड़का पीएम बनें-करूणा शुक्ला

BHASKAR MISHRA
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karuna.shuklaबिलासपुर– ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रधानमंत्री जैसे सर्वोच्च पद पर बैठा व्यक्ति गैर जिम्मेदार शब्दों का प्रयोग करे। देश के पूर्व प्रधानमंत्री पर हल्के शब्दों में टिप्पणी करे। नेहरू गांधी परिवार को अपमानित करे…। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को अपमानित करे…। अन्य दलों के नेताओं पर सस्ती टिप्पणी करे…। बर्दास्त नहीं किया जाएगा। यह बातें करूणा शुक्ला ने पत्रकारों से कही।

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                             उन्होने कहा कि इसलिए हम प्रधानमंत्री ka उन्ही के अंदाज में उत्तर दे रहे हैं। नोटबंदी के खिलाफ तीसरे चरण के आंंदोलन जनवेदना पंचायत में प्रधानमंत्री का  मुखौटा पहनाकर प्रश्नों की झड़ी कर रहे हैं। कांग्रेस ने तय कर लिया है कि जैसे को तैसा जवाब दिया जाना जरूरी है।

                                 सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस नेत्री करूणा शुक्ला ने कहा कि गिव एन्ड टेक के अनुरूप प्रधानमंत्री को जनवेदना पंचायत मंच से जवाब दिया जा रहा है। उन्होंने अपने बयानों और निर्णयों से जनता को जो कुछ दिया उसे उसी अंदाज में लौटाया जा रहा है।

               पूर्व प्रधानमंत्री ने सदन में गरिमा के अनुसार वयान नहींं दिया। केन्द्र सरकार को फ्लंटर कहा…सवाल के जवाब में करूणा शुक्ला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंंत्री ने जो कुछ भी कहा सही था। प्रधानमंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक से भटकाने नोटबंदी का सहारा लिया। नोटबंदी में पार्टी के कालेधन को सफेद किया गया। बिहार उत्तरप्रदेश,ओडिसा में करोंड़ों की जमीन खरीदी गयी। महाराष्ट्र में मंत्री के गाड़ी से करो़ड़ों रूपए निकले…राज्यों में पार्टी कार्यालयों के लिए करोडों में जमीन का सौदा किया गया…। किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई.. कालाधन कहीं नहीं दिखाई दिया। इसे फ्लंटर नहींं तो क्या कहेंगे। congress- panja

                        करूणा ने बताया कि गांधी और नेहरू के करनी और कथनी में भेद नहीं था। लेकिन प्रधानमंत्री के करनी और कथनी में बहुत अंतर है। उन्होने सिर्फ नम्बर बढ़ाने नोटबंदी के दौरान 94 साल की मां को भीड़ में झोंक दिया।

                                      करूणा शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री को अधिकार नहीं है कि किसी व्यक्ति या कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का माखौल उड़ाएं। राहुल गांधी प्रधानमंत्री परिवार के सदस्य है। उन्होने पीढियों को शहीद होते देखा है। मासूम हैं…हां…वह भाषण अच्छी तरह से नहीं दे सकते…मोदी की तरह भाषण नहीं देते…इसका अर्थ यह नहीं कि उनका माखौल उडाया जाए। राहुल गांधी का भाषण देने का अपना अलग तरीका है।

                    दस साल प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंंह ने कड़क भाषा का प्रयोग किया होता तो कांग्रेस की यह हालत नहीं होती…सवाल से बचते हुए करूणा ने कहा कि मनोमोहन सिंह साफ्ट स्पोकन है। उन्होंने कभी कड़क भाषा का प्रयोग ही नहीं किया। जब उन्हें लगा कड़क मिजाज दिखाया। जैसा कि नोटबंदी के बाद सदन में सुनने और देखने को मिला। करूणा ने बताया कि आरबीआई संविधानिक संस्था हैं। इसलिए समिति के सामने पेश होने के बाद भी पूर्व पीएम ने आरबीआई गवर्नर से कड़ी पूछताछ नहीं कीं।

                            करूणा ने कहा कि देश में कई बार नोट बदले गए। बार्डर पर कई बार फायरिंग हुई। लेकिन ढिंढोरा नहीं पीटा गया। भाजपा सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर देश की जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया है। सीमाओं पर फायरिंग होती रहती है। खुद को देशभक्त बताने वाले लोगों से पूछती हूं कि आजादी के समय वे और उनके पूर्वज कहां थे। जो अब सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर खुद को देशभक्त बता रहे हैं।

                                                   नेहरू, इंदिरा का नाती…और राजीव गांधी का बेटा होने के कारण राहुल प्रधानमंत्री बने…ऐसा क्यों….। करुणा ने कहा कि जरूरी नहीं कि प्रधानमंत्री का बेटा प्रधानमंत्री बनें…कांग्रेस कार्यकर्ता की मानसिकता में बात घर कर गयी है कि नेहरू गांधी परिवार का ही व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बनें। राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री बनें…

                 लेकिन  देश तो ऐसा नंही चाहता है…बावजूद इसके देश की मानसिकता पर राहुल गांधी को थोपा जा रहा है..। कांग्रेस देश की मानसिकता का सम्मान क्यों नहीं करना चाहती । करूणा ने कहा कि ऐसा नहीं है..देश चाहता है कि राहुल पीएम बनें….लेकिन विरोधियों की प्रचार प्रसार नीति ने देश की मानसिकता को दबा दिया है। विपक्ष राहुल गांधी को कमतर आंक रहा है। खिल्लियां उड़ाई जा रही हैं। इसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता है।

                     यदि कांग्रेस पार्टी राहुल के स्थान पर दूसरा चेहरा लाए तो क्या कांग्रेस को फायदा मिलेगा। करूणा ने कहा कि मीडिया की धारणा गलत है। समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर राहुल का मजाक उडाया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता अपने नेता का सम्मान करते हैं..उनके साथ हैं। प्रचार और अर्थ तंत्र ने राहुल गांधी की आवाज को दबाया है।

                      समाजवादियों को कांग्रेस पार्टी क्यों डूबाना चाहती है। सपा से पुराना बदला तो नहीं लिया जा रहा है। करूणा ने कहा कि सभी पार्टियों को संंक्रमण काल से गुजरना पड़ता है। कांग्रेस पार्टी ने 60 साल शासन किया। दौर पार्टी के अनुकूल नहीं है। समाजवादी पार्टी को नुकसान नहीं फायदा ही होगा। उत्तरप्रदेश में भाजपा की हार कांग्रेस गठवंधन की सरकार बनेगी।

             सवाल जवाब के दौरान अंत में करूणा शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री अभी भी अपने आपको कार्यकर्ता के दायरे से बाहर नहींं निकाल पाए हैं। इसलिए विपक्ष के नेताओं पर हल्के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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